भोपाल। गुना मे दलित किसान पर पुलिस बर्बरता मामले में अब सियासत तेज हो गई है। इस पूरे मामले में कांग्रेस के आरोपों से घिरी भाजपा ने अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भूमिका पर सवाल उठा दिए है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर दिग्विजय सिंह और सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाली गब्बू पारदी के कनेक्शन की जांच की मांग की है।
भाजपा का आरोप हैं कि गुना में जिस सरकारी जमीन पर गब्बू पारदी ने कब्जा किया उसके पीछे दिग्विजय सिंह की शह थी। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि उत्कृष्ट कॉलेज की भूमि से बेदखली की कार्रवाई नवंबर 2019 में शुरू की गई थी, लेकिन उस समय इस कार्रवाई को राजनीतिक दबाव के चलते रोक दिया गया था। कांग्रेस सरकार में यह दबाव किसने डाला होगा, इसका अनुमान लगाया जा सकता है, लेकिन जनता के सामने उस चेहरे को बेनकाब होना चाहिए।
वहीं अब वीडी शर्मा के आरोपों के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा द्धारा गब्बू पारदी और मेरे संबंधों की जांच की मांग का स्वागत करता हूं। मैं शिवराज जी से अनुरोध करता हूं कि इसकी जांच वीडी शर्मा को ही सौंपी जाए। यह भी जांच करें कि शासकीय भूमि पर कब्जा हटाने की कार्रवाई भाजपा क 15 सालों में क्यों नहीं की गई।
वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह का पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले दिग्विजय सिंह यह बताएं कि उनके गब्बू पारधी से रिश्ते है या नहीं, इनका परिचित है या नहीं इसका उत्तर दें, फिर हम आगे बात देंगे। नरोत्तम ने कहा कि सवाल पर सवाल नहीं किया जाता पहले प्रदेश अध्यक्ष ने जो सवाल किया है कि उसका उत्तर दिग्विजय सिंह दें।
क्या हैं पूरा मामला – गुना में मंगलवार को साइंस कॉलेज के लिए आवंटित की गई सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के दौरान पुलिस ने एक दलित किसान की बेरहमी से पिटाई कर दी थी। सरकारी कॉलेज के लिए आवंटित जमीन से कब्जा हटाने के लिए पहुंचे सरकारी अमले के सामने दलित किसान अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अपनी फसल को बचाने के लिए गिड़गिड़ाने लगा लेकिन जब मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने नहीं सुनी तो दंपत्ति ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया।
इस सरकारी जमीन पर पिछले 30 सालों से भू मफिया गब्बू पारदी ने अपना कब्जा जमा रखा था। 50 करोड़ की बेशकीमती जमीन पर कब्जा करने वाले गब्बू पारदी का अच्छा खास सियासी रसूख भी है, उसकी पत्नी बसपा की पूर्व पार्षद भी रह चुकी है। पिछली कमलनाथ सरकार के समय जिला प्रशासन ने जमीन से कब्जा हटाने की कोशिश की भी की थी लेकिन उसे सफलता नहीं मिली थी।