भोपाल। मध्यप्रदेश में खाली खजाने से जूझ रही शिवराज सरकार ने अब खजाना भरने के लिए लोगों को बिजली का जोर का झटका धीरे से दिया है। प्रदेश में पिछली कमलनाथ सरकार के समय ऊर्जा विभाग की लाई गई लोकलुभावन योजना 100 यूनिट बिजली 100 रुपए के दायरे से अब छह लाख ऐसे उपभोक्ता को बाहर कर दिया जाएगा जो इनकम टैक्स देते है। आज कैबिनेट की बैठक में ऊर्जा विभाग प्रजेंटेंशन के दौरान यह निर्णय लिया गया है।
कैबिनेट की बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रेजेंटेशन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 100 रुपए बिल के दायरे में आने वाले ऐसे 6 लाख उपभोक्ता जो इनकम टैक्स के दायरे में आते है, उन सब को उस दायरे से निकालने के निर्देश दिए है। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग यह अध्ययन करे कि ऐसे उपभोक्ता जो आयकरदाता हैं, वे योजनाओं में सब्सिडी का कितना लाभ ले रहे हैं।
कैबिनेट की बैठक के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि ऊर्जा विभाग के 100 यूनिट बिजली खर्च करने पर 100 रुपए बिल के दायरे में इनकम टैक्स देने वाले जो 6 लाख उपभोक्ता आते थे उनको उस दायरे से निकालने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए है। उन्होंने बताया कि विभाग की खपत के आधार पर लाई गई इस योजना में कई प्रथम श्रेणी के अधिकारी भी आ गए थे।
वहीं अब प्रदेश में अब बिजली विभाग के बड़े बकायादारों के खिलाफ बड़े स्तर पर वसूली अभियान चलाया जाएगा। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व वृद्धि के लिए बिजली के बड़े बकायेदारों से बकाया राशि की वसूली सख्ती से की जाए और इसमें कोई रियायत न हो। इससे निर्धन उपभोक्ताओं के हित में योजनाओं के अमल में आसानी होगी। वहीं अब ऊर्जा विभाग में जेई और एक का पोस्टिंग परफॉर्मेंस के आधार पर होगी