भोपाल। मध्यप्रदेश में तेरह वर्षों से अधिक समय से सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 43 नगरीय निकायों के चुनाव में अध्यक्ष पद पर 25 स्थानों पर विजय हासिल की है, वहीं कांग्रेस ने 15 स्थानों पर पार्टी का परचम लहराया है। तीन पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं।
इनमें से गाडरवारा और शमशाबाद में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के चलते 'पूर्व से भरी कुर्सी' के खिलाफ चुनाव में कांग्रेस ने अपनी सीटों पर कब्जा बरकरार रखकर सत्तारूढ़ दल भाजपा को करारा झटका दिया है। पिछले बार इन 43 स्थानों पर हुए चुनावों में कांग्रेस नौ स्थानों पर विजयी हुई थी। अब इनकी संख्या बढकर पंद्रह हो गयी है जबकि भाजपा 26 स्थानों पर जीती थी और उसकी संख्या घटकर 25 रह गई।
इस बीच कांग्रेस के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता के के मिश्रा का दावा है कि जिन तीन स्थानों पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए हैं, उनमें से दो पर विजयी प्रत्याशी कांग्रेस से ही जुडे हैं। उन्होंने कहा कि यह नतीजे कांग्रेस के पक्ष में है और इससे निश्चित तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार हुआ है। वहीं भाजपा नेता अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।
राज्य की राजधानी भोपाल में कल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी पहुंच रहे हैं और वे 20 अगस्त तक यहां रूकेंगे। इसके मद्देनजर इन चुनाव नतीजों पर सभी की नजरें थीं और ये इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनमें से अधिकांश स्थान अनुसूचित क्षेत्र के हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश के नगरीय चुनाव में भाजपा को मिली जीत, विकास की जीत है। उन्होंने कहा कि जनता ने हमें मत दिया है, हम उनकी आशाओं पर अवश्य खरे उतरेंगे। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के नेतृत्व में विकास की नई बयार बहेगी।
उन्होंने चुनाव में विजयी सभी प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं को नगरीय चुनाव में मिली जीत पर हार्दिक शुभकामनाएं भी दी हैं। वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री चौहान ने पार्टी की जीत पर संतोष जताते हुए दावा किया कि यह कांग्रेस मुक्त मध्यप्रदेश की दिशा में एक अहम कदम है। उन्होंने यहां पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ को उनके क्षेत्र में सीमित कर दिया गया है।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्र कैलारस और डबरा में चुनाव हार गई है। हालाकि उन्होंने स्वीकार किया कि भाजपा के विजय वाले स्थानों की संख्या 26 से घटकर 25 हो गई है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि पार्टी की यह जीत कार्यकर्ताओं की विजय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए यह विजय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सत्तारूढ दल ने धन, बाहुबल और सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग किया। इसके बावजूद हमारे प्रत्याशी पिछली बार की तुलना में अधिक स्थानों पर विजयी हुए, वहीं प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मिश्रा ने कहा कि चार स्थानों पर कांग्रेस 50 से लेकर दो सौ मतों के बीच के अंतर से पराजित हुयी। उनका आरोप है कि इन स्थानों पर भाजपा ने अपने प्रभाव का दुरूपयोग किया, अन्यथा इन सीटों पर भी कांग्रेस की विजय होती।