- कीर्ति राजेश चौरसिया
भोपाल। हाल ही में मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में हुए विस्तार में नए चेहरों का चयन दिल्ली की एक सर्वे कंपनी द्वारा किए गए सर्वे को आधार मानकर किया गया। पिछले फरवरी माह से शुरू हुए इस सर्वे में करीब-करीब भाजपा के सभी विधायकों के क्षेत्रों को शामिल किया गया था।
अतिविश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक सर्वे में महत्वपूर्ण 5 बिंदुओं के आलावा विधायकों का उनके क्षेत्र में जनता के साथ व्यवहार, आचरण, कार्यशैली, और प्रशासनिक कार्यक्षमता, वाकपटुता आदि के संबंध में गोपनीय चरित्रावली बनाई गई थी और इस कंपनी द्वारा सर्वे कर फीडबैक तैयार किया गया था।
प्रदेश और राष्ट्रीय संगठन ने काफी विश्लेषण व मंथन के बाद 8 नाम काफी पहले ही निकाल लिए थे। बाद में जैसा की विदित है कि 9वां नाम मजबूरीवश संजय पाठक का आपात बैठक (गौर और सरताज से इस्तीफा ले लिए) में ऐनवक्त पर जोड़ा गया था।