भोपाल। सोमवार का दिन मध्य प्रदेश और यहां के लोगों के लिए दोहरी खुशी लेकर आया, जहां तेरह सालों बाद प्रदेश को एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिल गया तो दूसरी ओर मध्यप्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व बेहतर प्रबंधन के साथ देश के पहले तीन स्थानों पर काबिज हुए।
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनटीसीए) ने प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व को सबसे बेहतर बताते हुए पहली रैंकिंग दी है, जबकि रैंकिंग में कान्हा टाइगर रिजर्व दूसरे नंबर पर और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को तीसरे नंबर का दर्जा दिया गया है।
एनटीसीए हर 4 साल में देश के सभी टाइगर रिजर्व का मूल्यांकन करती है जिसमें इस बार पेंच टाइगर रिजर्व सबसे ऊपर है। इससे पहले पेंच टाइगर रिजर्व वर्ष 2010 में पहले नंबर पर था जबकि कान्हा दूसरे नंबर पर था। 2014 में कान्हा टाइगर रिजर्व पहले स्थान पर था। पेंच टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर विक्रम सिंह परिहार कहते हैं कि सभी के बेहतर प्रयासों के चलते ही मूल्यांकन टीम ने पेंच टाइगर रिजर्व को पहला स्थान दिया है।
कैसे होता है मूल्याकंन : मैनेजमेंट इफेक्टिवनेशन इवेल्यूशन टीम सभी टाइगर रिजर्व का सर्वे करती है। 32 बिंदुओं पर टीम आंकलन करती है। पूरी रिपोर्ट के आधार पर ही तय होता है कि किस टाइगर रिजर्व में बेहतर प्रबंधन है। टाइगर रिजर्व प्रबंधन में पिछले 4 सालों में किए गए वन्य प्राणी प्रबंधन के कार्य, आवास में सुधार, वन्यप्राणियों की सुरक्षा की स्थिति सहित कई अन्य बिंदुओं का मूल्यांकन कर उनको रैंकिंग देती है।