Madhya Pradesh News : कृषि-प्रधान अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाने वाला देश का हृदय स्थल मध्यप्रदेश अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्यस्तरीय किसान मेला और एग्री-हॉर्टी एक्सपो 2025 के माध्यम से कृषि क्षेत्र में नवाचार और प्रगति की नई गौरवगाथा लिखने जा रहा है। 3 मई को मंदसौर में होने जा रहा ऐतिहासिक आयोजन न केवल किसानों को एक बेहतर मंच प्रदान करेगा बल्कि मध्यप्रदेश की कृषि नीतियों और खेती के नवाचारों को प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर भी होगा। यह आयोजन न केवल मध्यप्रदेश के किसानों के लिए उपयोगी साबित होगा, बल्कि यह राज्य को कृषि और उद्यमिता के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाने का एक सुनहरा अवसर भी प्रदान करेगा।
खेती-किसानी, उन्नत तकनीक से साथ नवाचार
मंदसौर जिले के सीतामऊ में किसान मेला एवं एग्री-हॉर्टी एक्सपो में किसानों को उन्नत तकनीकों, बीज, आधुनिक कृषि उपकरणों, शासन की योजनाओं एवं कृषि प्रबंधन की विस्तार से जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम में आधुनिक कृषि यंत्रों, नवीनतम बीजों, संरक्षित खेती, प्राकृतिक कृषि, मत्स्य पालन, खाद्य प्र-संस्करण एवं जैविक उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा साथ ही कृषि आधारित उद्योगों, एफपीओ, निर्यातकों हेतु संगोष्ठी एवं नेटवर्किंग सत्र आयोजित होंगे।
कृषि अभियांत्रिकी, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, एमपी एग्रो, एमएसएमई, मत्स्य, पशुपालन, नवकरणीय ऊर्जा विभाग, राजस्व विभाग द्वारा कृषि यंत्र, ड्रोन एवं उपकरण, कृषि आदान व्यवस्था नवीन प्रजातियों के बीज उवर्रक, पेस्टीसाइड आदि, बैंकर्स एवं फसल बीमा, सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र, संरक्षित खेती, वर्मी बेड, मल्चिंग, पौंड प्लास्टिक लाइन (पोली/शेडनेट हाउस आदि), खाद्य प्रसंस्करण, ओडीओपी, रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस), केज कल्चर, बायोफलॉक एवं मत्स्य महासंघ का डिस्पले, चलित पशु चिकित्सा इकाई, आदर्श गौशाला, सार्टेड सेक्सड सीमन, एंब्रियो ट्रांसफर तकनीक, सांची मिल्क पार्लर एवं मिल्क क्वालिटी टेस्टिंग, एग्री फोटो वॉल्टाइक एग्री स्टेक के स्टॉल लगाए जाएंगे।
किसानों को उनकी आय बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती, हार्टिकल्चर फ्लोरीक्लचर अर्थात् बागवानी, फलोद्यान जैसी गतिविधियां अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। किसानों से जुड़े विविध तरह के राज्यस्तरीय स्टॉल्स के माध्यम से कृषकों को उन्नत तकनीकी, खेती-किसानी की जानकारी और नवाचारों के संबंध में बताया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव अतिथि निवेशकों के साथ संवाद करेंगे और राज्य सरकार की योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ वितरण भी करेंगे।
किसानों के हित में ठोस कदम उठाते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के मिशन को साकार करने की दिशा में मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है, इस तरह के कृषि मेले प्रत्येक संभाग में आयोजित किए जाएंगे, ताकि हर क्षेत्र के किसानों को उन्नत तकनीकों और योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। प्रदेश की मोहन सरकार ने किसानों के हित में कई कदम अपने अभी तक के छोटे से कार्यकाल में उठाए हैं।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत प्रदेश के किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है, वहीं धान उत्पादक किसानों को धान उपार्जन पर प्रति हेक्टेयर 4000 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। मध्य प्रदेश में गेहूं उपार्जन पर 2600 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान का निर्णय लिया गया है।
इसी प्रकार गेहूं उत्पादक किसानों को भी प्रति क्विंटल 175 रुपए अतिरिक्त बोनस राशि देने की घोषणा भी हुई है। किसान कल्याण को मिशन बनाकर राज्य सरकार पशुपालन, मत्स्य पालन में वृद्धि के साथ खाद्य प्र-संस्करण और कृषि से उत्पादित कच्चे माल पर आधारित औद्योगिक इकाई स्थापित करने की दिशा में मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।
समृद्ध किसान, समृद्ध मध्यप्रदेश का सपना अब होगा साकार
किसानों की आय बढ़ाने, आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की दिशा में मध्यप्रदेश की मोहन सरकार का राज्यस्तरीय किसान मेला और एग्री-हॉर्टी एक्सपो प्रयास एक बड़ा महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में प्रत्येक संभाग में कृषि मेले लगाए जाएंगे। किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से होने वाले यह आयोजन उन्नत कृषि तकनीकों, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों और कृषि में सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बार-बार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि 'समृद्ध किसान, समृद्ध मध्यप्रदेश' का सपना तभी साकार होगा, जब किसानों को उन्नत तकनीकों, संसाधनों और योजनाओं का लाभ मिलेगा। ऐसे आयोजनों से खाद्य पदार्थों की प्रसंस्करण इकाइयों और कृषि उद्योगों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, जिससे किसानों की आय में दुगनी वृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
स्थानीय किसानों को भी मिलेगा लाभ
मंदसौर मालवा क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो जैविक खेती के लिए भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में औषधीय पौधे, फूल, मसाले के साथ-साथ डेयरी और हर्बल उत्पादों का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है जिससे स्थानीय किसानों को न केवल लाभ होगा, बल्कि उन्हें अपने अनेक उत्पादों को बाजारों तक पहुंचाने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा।
उद्योगों के साथ कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मिलेगा प्रोत्साहन
यह सम्मेलन प्रधानमंत्री मोदी के ज्ञान मिशन का का हिस्सा है, जो गरीब, युवा, अन्नदाता और महिलाओं के कल्याण पर केंद्रित है। सरकार ने 2025 को 'उद्योग और रोजगार वर्ष' भी घोषित किया है और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में इसे एक प्रमुख लक्ष्य माना जा रहा है। सम्मेलन मध्यप्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहन देगा जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अनेक नए अवसर सृजित होंगे।
मंदसौर में आयोजित होने जा रहा राज्यस्तरीय कृषि सम्मेलन और एग्री-हॉर्टी एक्सपो 2025 मध्यप्रदेश की कृषि नीतियों और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शी सोच का एक जीवंत उदाहरण है। मोहन सरकार की किसान कल्याण की प्रतिबद्धता को भी इससे नई दिशा मिलेगी। यह मध्यप्रदेश के उस सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जहां हर किसान समृद्ध और आत्मनिर्भर होगा।
Edited By : Chetan Gour