भोपाल। मध्यप्रदेश में मिशन इंद्रधनुष के दूसरे चरण में व्यापक जनभागीदारी के कारण बच्चों के इस विशेष समग्र टीकाकरण अभियान को अभूतपूर्व सफलता मिल रही है। प्रदेश में मिशन इंद्रधनुष का दूसरा फेज 7 अक्टूबर 2015 से आरंभ किया गया था।
इसके तहत प्रतिमाह 7 तारीख से पूरे एक सप्ताह स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ता घर-घर जाकर ऐसे बच्चों का पूर्ण टीकाकरण कर रहे हैं जिन्हें या तो टीके लगे ही नहीं हैं या उन्हें कुछ टीके लगना रह गए हैं। यह चरण जनवरी 2016 तक चलेगा।
मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के उपसंचालक एवं टीकाकरण के प्रभारी डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया कि इस माह 7 दिसंबर से शुरू हुए चरण में 12 दिसंबर तक 25 जिलों में विशेष टीकाकरण के कुल 25 हजार 464 सत्र आयोजित हो चुके थे। इनमें 1 लाख 27 हजार 188 बच्चों एवं 35415 गर्भवती माताओं का टीकाकरण किया गया। बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए ओआरएस के 28 हजार 020 पैकेट और जिंक की 1 लाख 43 हजार 469 गोलियां बांटी गई हैं।
मिशन इंद्रधनुष के इस अभियान में यूनीसेफ की ओर से कोल्ड्स चेन की मॉनिटरिंग में तकनीकी सहयोग के साथ ही संचार गतिविधियों में भी भागीदारी की जा रही है। यूनीसेफ समर्थित युवा बुरहानपुर में टीकाकरण का ब्योरा जुटा रहे हैं।
इस चरण की खास बात यह रही है कि लोगों ने भी इसमें बड़े उत्साह से भागीदारी की है। सतना के गोविंदपुर एवं अशोकनगर में रंगोली के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया गया। कटनी शहर में मिठाई के दुकानदार ने खुद मिठाई के डिब्बों पर मिशन इंद्रधनुष का स्टीकर लगाकर लोगों को टीकाकरण का संदेश दिया। सतना जिले के देवराज नगर ब्लॉंक में ड्रम रैली निकालकर लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक किया गया।