मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस ने सदैव ही बाबा साहब का अपमान और उनके विचारों के साथ अन्याय किया है। कांग्रेस मूलत: बाबा साहब और उनके विचारों की विरोधी रही है। सर्व विदित है कि पंडित नेहरू स्वयं एक नहीं बल्कि दो चुनावों में बाबा साहब अंबेडकर को हरवाने के लिए जिम्मेदार थे। बाबा साहब के प्रति कांग्रेस का द्वेषपूर्ण रवैया इस बात से भी सिद्ध होता है कि इनके शासनकाल में बाबा साहब को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया जबकि अटलजी के सहयोग से 1990 में बाबा साहब को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
बाबा साहेब के मरणोपरांत कांग्रेस ने कई दशकों तक संसद के सेंट्रल हॉल में बाबा साहब का चित्र तक नहीं लगाया गया। भारत का मान बढ़ाने वाले बाबा साहब को भारत रत्न से वंचित करना कांग्रेस की दूषित मानसिकता का प्रमाण रहा है।
मध्य प्रदेश सौभाग्यशाली है कि बाबा साहब का जन्म अंबेडकर नगर (महू) में हुआ और प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के नेतृत्व में वहां न सिर्फ भव्य स्मारक बना बल्कि बाबा साहब के पंचतीर्थों के निर्माण का संकल्प भी भाजपा सरकार ने पूर्ण किया।
बाबा साहब ने हमेशा समाज के अंतिम पायदान पर खड़े शोषित-वंचित-पीड़ित की चिंता की, लेकिन कांग्रेस ने कभी भी इस वर्ग का उत्थान नहीं होने दिया। कांग्रेस ने कभी संविधान दिवस नहीं मनाया वहीं यह गौरवशाली राष्ट्रीय उत्सव शुरू करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हुआ है। बाबा साहब के द्वारा प्रतिपादित राष्ट्रवादी विचार अत्याधिक मजबूत और परिपक्व हैं।
यही कारण है कि जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में तथ्यों, तर्कों और प्रमाणों के साथ बाबा साहब का पक्ष रखा तो कांग्रेस बौखला गई। कांग्रेस पार्टी द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहब का अपमान, समूचे राष्ट्र का अपमान है। कांग्रेस द्वारा किया गया अन्याय, भारत की आत्मा पर प्रहार है।