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Indore में एमपी टेक ग्रो कॉन्क्लेव 2025, CM डॉ. मोहन यादव ने कहा- 20000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव, 75 हजार नौकरियों की संभावनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों भोपाल में संपन्न जीआईएस में लगभग 25 लाख करोड़ रुपयों के निवेश संबंधी प्रस्ताव आए थे।

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, रविवार, 27 अप्रैल 2025 (23:15 IST)
मध्यप्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी इंदौर में आज संपन्न “मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025” में विभिन्न कंपनियों की ओर से 20 हजार करोड़ रुपयों के निवेश संबंधी प्रस्ताव मिले हैं, जिनसे 75 हजार रोजगार सृजित होने की संभावना है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कान्क्लेव के बाद मीडिया से चर्चा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों भोपाल में संपन्न जीआईएस में लगभग 25 लाख करोड़ रुपयों के निवेश संबंधी प्रस्ताव आए थे। इसमें से अनेक को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी और यह प्रसन्नता का विषय है।

उन्होंने कहा कि आज के “टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव” में मुख्य रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां आयी हैं। इसमें आए प्रस्तावों को भी तेजी से अमल में लाने के प्रयास होंगे। आज के कार्यक्रम में लगभग 500 कंपनियों ने हिस्सेदारी की। इसके पहले डॉ यादव ने कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि उद्योगों का निर्माण किसी मंदिर के बनने की तरह है। उद्योग ऐसे मंदिर हैं, जो भगवान की तरह दर्शन जीविका का प्रसाद और आशीर्वाद देते हैं और लाखों लोगों को रोजगार के अवसर बनते हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर ने उद्योगों के विकास का कीर्तिमान बनाया है, इंदौर आईटी क्षेत्र की राजधानी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश में पाँच बड़े नगरों में इण्डस्ट्री पार्क प्रारंभ किये जा रहे हैं। कोरिया जैसे देश जिनसे भारत का पुराना सांस्कृतिक नाता है, वे भी मध्यप्रदेश में निवेश के लिये इच्छुक हैं। आज की कॉन्क्लेव में कोरिया और जापान से भी प्रतिनिधि आये हैं। कॉन्क्लेव से लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 75 हजार रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि आज के टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के भूमि-पूजन एवं शिलान्यास भी हुए हैं। इसमें से जीआईएस-भोपाल में आईटी सेक्टर में प्राप्त 99 प्रस्तावों में से 25 प्रतिशत का आज भूमिपूजन हुआ है, जो इस बात का द्योतक है कि हम बस वादे नहीं करते, उन्हें धरातल पर उतारकर भी दिखाते हैं।
 
डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल जिले के बैरसिया में मोबाइल फोन, सेमीकंडक्टर डिवाइस पार्क बनाने वाले प्रतिष्ठान विश्व स्तरीय अधोसंरचना का लाभ प्राप्त करेंगे। लगभग 209 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के इस मेगा प्रोजेक्ट से बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराना संभव होगा। बैरसिया में लगभग 1500 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने में सफलता मिली है। स्पेस टेक नीति के अंतर्गत यह कार्य होगा। इससे सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में नया दौर सामने आयेगा।
 
डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर में एग्रीटेक उत्कृष्टता केन्द्र बनेगा। ड्रोन तकनीक सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आयेगा। परदेशीपुरा आईटी पार्क से नई संभावनाएँ विकसित होंगी। इंदौर आईटी क्षेत्र की नई राजधानी बन गयी है। कॉन्क्लेव के दौरान चार नई औद्योगिक नीतियों की गाइड लाइन जारी की गयीं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब मात्र वादों का नहीं, जनता से किये गये वादों को पूरा कर विकास के पथ पर अग्रसर होने वाला राज्य है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की स्पेस टेक नीति बनाई जायेगी, जिससे राज्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और उद्यमों को प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य में सायबर सुरक्षा सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जायेगी। भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 परियोजना के तहत इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जायेगा। इसमें 1,500 करोड़ रुपये के निवेश से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी क्षेत्रीय केन्द्र बनाया जायेगा, जो डिजिटल नवाचार, रचनात्मक शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के लिए एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म के रूप में काम करेगा।
 
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि देश का स्वच्छतम शहर इन्दौर शहर अब टू टीयर शहर से आगे बढ़ चुका है। यह शहर क्लीन और ग्रीन सिटी है। आने वाले समय में पर्यावरण क्षेत्र में सुधार होगा और शहर में तापमान 5 डिग्री तक कम करने में सफलता प्राप्त होगी। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने उद्योगों के विकास संकल्प लिया है।
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मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि जीआईएस-भोपाल में प्राप्त निवेश प्रस्ताव महत्वपूर्ण रहे। प्रत्येक एमओयू की मुख्यमंत्री के स्तर पर प्रतिमाह समीक्षा की जाती है। जीआईएस-भोपाल में हुए एमओयू पर तेज गति से कार्य हो रहा है। दो माह में यह उपलब्धि प्राप्त हुई है। समिट में 18 उद्योग नीतियों की घोषणा के बाद उन पर अमल भी किया जा रहा है। प्रदेश में कृषि दर के बाद अब कुल ग्रोथ रेट भी बढ़ रही है। स्वास्थ्य और शिक्षा के साथ अधोसंरचनात्मक विकास हो रहा है। आईटी क्षेत्र में 4 नीतियाँ लागू की गयी हैं। उद्योगों को सहायता देने में मध्यप्रदेश अन्य राज्यों से आगे है। किसी उद्योग की स्थापना के लिये आवश्यक स्वीकृतियाँ समय पर प्रदान की जा रही हैं। मुख्य सचिव जैन ने मध्यप्रदेश की अनुकूलताओं और विशेषताओं की भी जानकारी दी।

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