बेंगलुरू। मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक जारी है। इस बीच सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्हें किसी ने बंधक नहीं बनाया है। त्यागपत्र दे चुके कांग्रेस के लगभग 22 विधायकों ने मीडिया से सामूहिक रूप से बात की। उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा मिली तो वे भोपाल जाएंगे।
गोविंद सिंह राजपूत कि हम लोग बंधक नहीं स्वेच्छा से आए हैं। ये पूरा प्रदेश जानता है कि मध्यप्रदेश की सरकार बनने में सिंधियाजी की अहम भूमिका थी। सिंधिया जी को मुख्यमंत्री न बनाकर कमलनाथ को बनाया हमें लगा था कि सब ठीकठाक रहेगा।
सभी विधायकों ने कहा कि वचन पत्र के वादों को नहीं निभाया गया इसलिए हमने इस्तीफे दिए। ज्योतिरादित्य समर्थकों विधायकों का दावा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हमे 5 मिनट भी धैर्य से नहीं सुना। हम किसको अपनी समस्या बताई। हमारे विधानसभा क्षेत्र में 1 रुपए का भी काम नहीं हुआ। सारे काम छिंदवाड़ा में हुए।
उधर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित नहीं करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें अनुरोध किया गया है कि अदालत सरकार को 12 घंटे में बहुमत साबित करने के आदेश दे। शिवराज सिंह की ओर से मुकुल रोहतगी कोर्ट में जिरह करेंगे।