होशंगाबाद। अल्पवर्षा के कारण मध्यप्रदेश की लाइफलाइन नर्मदा नदी पर संकट आ गया है। पानी की कमी से नर्मदा में मिलने वाली दो दर्जन सहायक नदियां और तवा बांध सूखने के कगार पर हैं। नदियों की हालत देखकर प्रशासन भी सकते में आ गया है। किसानों को मूंग की फसल की सिंचाई के लिए पानी नहीं देने का निर्णय लिया गया, साथ ही नगर पालिका पानी वितरण का समय भी कम करने की तैयारी कर रही है।
नर्मदा नदी उद्गम स्थल अमरकंटक से लेकर भोपाल, इंदौर, उज्जैन सहित कई जिलों में लोगों की प्यास बुझाती है। जिले में पिपरिया के सांडिया घाट से होशंगाबाद के सेठानी घाट तक नर्मदा नदी सूखने की कगार पर आ गई है।
यहां लगभग 800 मीटर चौड़े किनारों के बीच एक संकरी-सी जलधारा बची है। कुछ स्थानों से तो लोग पैदल नर्मदा नदी पार करने लगे हैं। नर्मदा के गिरते जलस्तर को देखकर प्रशासन ने नलकूप खनन पर रोक लगा दी है। पंचायतों को जल संरक्षण के लिए विशेष मुहिम चलाने को कहां गया है।
45 मिनट ही मिलेगा पानी : होशंगाबाद शहर में अब लोगों को सुबह-शाम सिर्फ 45 मिनट पानी मिलेगा। जानकारी के मुताबिक शहर में लगभग 11 हजार नल कनेक्शन हैं जिसमें सुबह शाम 1-1 घंटा पानी सप्लाय कर लगभग 20 लाख लीटर पानी छोड़ा जाता है। पानी की कमी होने के कारण अब सिर्फ 45 मिनट ही पानी की सप्लाय दी जाएगी।
बांध भी खाली, नहीं मिलेगा मूंग को पानी : बारिश कम होने के कारण तवा बांध में भी पानी नहीं है। गर्मी के इस दौर में डेम दम तोड़ गया है इसलिए किसानों को मूंग की तीसरी फसल की सिंचाई के लिए नहरों से पानी नहीं मिलेगा। किसानों को अपने कुएं और ट्यूबवेलों से ही सिंचाई करना होगी।
सहायक नदियां भी सूखी : नर्मदा इकलौती नदी है, जो ग्लेशियर से नहीं बल्कि सहायक नदियों के भरोसे है। बारिश की कमी से जबलपुर की परीयत, नरसिंहपुर जिले की ओमनी, सिंगरी, शेर और शक्कर नदी, होशंगाबाद जिले की देनवा, पलकमति, दूधी, तवा, गंजाल, बूंदी, गोई और रायसेन जिले की हिरण, तेंदुवी, बरना, चन्द्रशेखर सहित लगभग 2 दर्जन नदियां सूखने लगी हैं।
इनका कहना है : होशंगाबाद नगर पालिका के अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल ने कहा कि मां नर्मदा का जलस्तर लगातार गिर रहा है इसलिए रोजाना सुबह-शाम 1 घंटा मिलने वाली पेयजल सप्लाई का समय कम करने की तैयारी की जा रही है। अब सिर्फ 45 मिनट ही पानी दिया जाएगा। इससे पानी की बचत होगी।