इंदौर। रविवार को सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी ऑफ अपलाएड साइंसेस ने पेरेंट्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया। इस कॉन्क्लेव का प्रयोजन था कि वे परिजन जिनके बच्चे किसी भी एंट्रेंस परीक्षा की तयारी कर रहे हैं, उन्हें तैयारियों से अवगत कराया जाए। करियर के बारे में गाइड किया जाए और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए।
कॉन्क्लेव में प्रथम वक्ता राष्ट्रीय स्तर साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट गौरव रावल ने स्किल आधारित शिक्षा के नए दौर पर परिजनों से चर्चा की। उन्होंने अपने प्रजेंटेशन मे जानकारी दी की भारत की आबादी 60% युवा है, जिनमें से केवल 10% ग्रेजुएट ही नौकरी लायक हैं। स्किल गैप एक संगठन की मौजूदा क्षमताओं और इसके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर है। यह वह बिंदु है जिस पर एक संगठन आगे नहीं बढ़ सकता है या प्रतिस्पर्धी नहीं रह सकता है क्योंकि वह महत्वपूर्ण नौकरियों में ऐसे कर्मचारियों को नहीं रख सकता है, जिनके पास डिग्री के साथ सही ज्ञान, कौशल और क्षमताएं न हों।
वॉल्वो-आइशर के वाइस प्रेजिडेंट देवेंद्र गेंदार विशेष रूप से उपस्थित रहे और उन्होंने भविष्य के रोज़गार के रुझान के बारे में व्याख्यान दिया। ज्ञात हो कि सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी देश की प्रथम स्किल यूनिवर्सिटी है। भूपेंद्र भावसार ने 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए करियर ओरिएंटेशन और तैयारी की रणनीति पर पेरेंट्स को संबोधित किया। यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजीत सिंह तोमर ने इन्क्यूबेशन सेंटर की महत्ता और आंत्रप्रेन्योरशिप पर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी।
संस्थान के वाइस चांसलर डॉ. पृथ्वी यादव ने नई शिक्षा नीति से होने वाले लाभों पर प्रकाश डाला। आयोजन में 120 से अधिक पेरेंट्स मौजूद रहे। संस्थान के ही रजिस्ट्रार विशाल चौधरी ने सभी का आभार माना।