भोपाल। मध्यप्रदेश साइबर अपराध पुलिस ने शौचालय घोटाले के आरोप में जेल में कैद रह चुके आरोपियों को पेंशन घोटाले के आरोप में पकड़ा है। तीनों जमानत पर रिहा हुए थे।
साइबर अपराध पुलिस की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक फरियादी मनोज बाथम ने अपनी शिकायत में बताया था कि शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण पोर्टल से किया जाता है, लेकिन किसी अज्ञात व्यक्ति ने डॉ. टाबेस बदलकर वैध खातों की जगह अवैध खाते जोड़कर अवैध लाभ लिया है।
पुलिस ने मामले की जांच के दौरान सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण संचालनालय की जांच की। इसमें पाया गया कि जून 2017 से भुगतान का तरीका बदला गया है और अब इसका भुगतान एक राष्ट्रीयकृत बैंक के माध्यम से किया जाता है।
इस दौरान कई अनियमितताएं पाई जाने पर गहन जांच की गई। विस्तृत जानकारी में 12 खाते 720 रेकॉर्ड में दर्ज पाए गए। संदेह के आधार पर 3 आरोपियों को पकड़ा गया, जिन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 611 खाते हैक किए थे। सभी फर्जी खाते रीवा जिले के त्योंथर के थे।
आरोपियों की पहचान रीवा निवासी कुलदीप, अशोक मांझल और मानसिंह के रूप में हुई है। अमित नाम का मुख्य आरोपी फरार है। आरोपी फर्जी पतों की सिम प्राप्त कर बैंक में खाता खुलवाते और उनमें फर्जी मोबाइल नंबर रजिस्टर करते थे। समग्र पोर्टल में पासवर्ड से प्रवेश कर हितग्राहियों के खाते बदल देते थे जिससे पैसा इनके खातों में चला जाता था। इसके पहले आरोपी इसी प्रकार का फर्जीवाड़ा शौचालय निर्माण में भी कर चुके हैं। (वार्ता)