इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में शनिवार को पेट्रोल का दाम 37 पैसे बढ़कर 109.32 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया जबकि डीजल 27 पैसे के इजाफे के साथ 98.76 रुपए प्रति लीटर की दर पर बिका।
शहर के पलासिया चौराहे के एक पेट्रोल पंप पर ईंधन भरवा रहे मोटरसाइकल सवार विजय वर्मा ने से कहा कि दिनोदिन महंगे होते जा रहे पेट्रोल ने मेरा बजट बिगाड़कर रख दिया है। सरकार को इस ईंधन पर कर घटाकर आम आदमी को महंगाई से राहत देनी चाहिए। 'फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन' के अध्यक्ष परविंदर सिंह भाटिया ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप से ट्रांसपोर्ट कारोबार पहले ही मंदा था और इसके बाद महंगे डीजल की मार से यह कारोबार 40 प्रतिशत तक प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि डीजल की महंगाई से माल भाड़ा बढ़ने के कारण खासकर आम जरूरत की उन चीजों की बुकिंग में कमी आई है, जो मध्यभारत से दक्षिण भारत भेजी जाती हैं।
राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार पर पेट्रोल-डीजल की महंगाई का ठीकरा फोड़ चुके हैं। उन्होंने शुक्रवार को इंदौर में कहा था कि हमारी राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर पिछले 15 महीने में कोई भी कर नहीं बढ़ाया है। पेट्रोल-डीजल पर पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने कर बढ़ाए थे, जबकि कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान अपने घोषणा पत्र में वादा किया किया था कि सत्ता में आने पर वह इन ईंधनों पर कर घटाएगी।
उधर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी ने मिश्रा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार को पेट्रोल-डीजल पर कर घटाकर जनता को राहत देने से कौन रोक रहा है? उन्होंने राज्य सरकार पर महंगाई पर काबू पाने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए तंज कसा कि यह सरकार अब भी कमलनाथ से इस कदर डरी हुई है कि उसे हर बात में वे ही याद आते हैं।(भाषा)