भोपाल। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत की पोस्टमार्टम के बाद विसरा की प्रारंभिक रिपोर्ट में साइक्लोपियाज़ोनिक एसिड पाया गया है। हलांकि इसमें भी हाथियों की मौत का स्प्ष्ट कारण नहीं बताया गया है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एल. कृष्णमूर्ति के मुताबिक मृत हाथियों की विसरा सैम्पल की विषाक्तता रिपोर्ट केन्द्र सरकार के आयवीआरआई बरेली उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार मृत हाथियों के विसरा में साइक्लोपियाज़ोनिक एसिड पाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार यह भी पता चलता है कि हाथियों ने बड़ी मात्रा में खराब कोदो पौधे/अनाज खाये हैं। नमूनों में पाये गये साइक्लोपियाज़ोनिक एसिड की विषाक्तता की वास्तविक गणना और आगे की जा रही है। आयवीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार नाइट्रेट-नाइट्राइट, भारी धातुओं के साथ-साथ ऑर्गनों-फॉस्फेट ऑर्गनो-क्लोरीन, पाइरेथ्रोइड और कीटनाशकों के कार्बामेट समूह की उपस्थिति के लिये नकारात्मक पाई गई है।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव कृष्णमूर्ति ने बताया कि आयवीआरआई ने अपनी रिपोर्ट में आसपास के क्षेत्रों में ध्यान रखने के लिये एडवायजरी भी जारी की है, जिसमें ग्रामीणों में जागरूकता, खराब फसल में मवेशियों न चराने जैसे बिन्दु दिये गये हैं, जिसे प्रबंधन द्वारा पालन कराया जायेगा।
क्या है पूरा मामला?- उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में खितौली और पतौर कोर रेंज के सलखनिया बीट के RF384 और PF 183A में एक साथ 10 हाथियों की मौत हो गई थी। सभी हाथी जो हादसे का शिकार हुए वह टाइगर रिजर्व के इस इलाके में पिछले कई दिनों से मूवेंट कर रहे थे। जिस इलाके में हाथियो की संदिग्ध हालात में हुई है उस इलाके से कई गांव लगे हुए और हाथियों का झुंड जब गांव में एंट्री किया था तो ग्रामीणों ने हाथियों का खदेड़ा भी था। वहीं इस इलाके में बड़े पैमाने पर कोदो की खेती होती है। हाथियों की मौत के बाद विभाग ने खेतों में खड़ी कोदो की फसल को नष्ट करवा दिया है।
अफसरों के खिलाफ कार्रवाई-उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के मामले में सरकार फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और उपवन मंडल अधिकारी फतेसिंहं निनामा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। बांधवगढ़ हादसे को लेकर हाईलेवल कमेटी की रिर्पोट के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज बैठक आधिकरियों के खिलाफ कड़ी कार्वाई की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर गौरव चौधरी हाथियों की मौत की सूचना के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के बाद भी छुट्टी से नहीं लौटे और अपना फोन बंद कर लिया जो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। वहीं फतेसिंह निनामा पर जांच में सहयोग नहीं करने पर सस्पेंड किया गया है।