भोपाल। मध्यप्रदेश की कमान डॉ. मोहन यादव के संभालने के बाद अब सबकी निगाहेंं कैबिनेट विस्तार पर टिक गई है। बुधवार को राजधानी भोपाल में हुए शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ दो उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल ने ही शपथ ली है। ऐसे में अब सियासी और प्रशासनिक गलियारों में सबसे अधिक चर्चा इस बात की है कि मध्यप्रदेश का पहला कैबिनेट विस्तार कब होगा और किन विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिलगी। इसके साथ ही कैबिनेट का गठन किस फॉर्मूले के आधार पर होगा यह भी चर्चा के केंद्र में है।
कैबिनेट विस्तार में लागू होगा गुजरात फ़ार्मूला!- मध्यप्रदेश में पांचवी बार सत्ता में वापस आई भाजपा सरकार के चेहरे के रूप में जिस तरह पार्टी आलाकमान ने तमाम दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ते हुए डॉ. मोहन यादव पर दांव लगाया है उसके बाद यह माना जा रहा है कि मोहन कैबिनेट में भी नए चेहरों को तरजीह दी जाएगी। गुजरात में भूपेंद्र पटेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस तरह से कैबिनेट गठन में सभी पुराने चेहरों को दरकिनार करते हुए नए चेहरों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था, ठीक उसी तर्ज पर अब मध्यप्रदेश मेंं मोहन यादव कैबिनेट नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
कैबिनेट में दिखेंगे नए चेहरे- मध्यप्रदेश में मोहन कैबिनेट में नए चेहरों जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है। कैबिनेट विस्तार में भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री, रमेश मेंदोला, दिव्यराज सिंह, रीति पाठक, राव उदय प्रताप सिंह, एंदल सिंह कंसाना, अमरीश शर्मा, नारायण सिंह कुशवाह, धमेंद्र लोधी, हरीशंकर खटीक, संजय पाठक, संपतिया उइके, अरुण भीमावद, आशीष शर्मा, निर्मला भूरिया, अशोक रोहणी, शैलेंद्र जैन, करण सिंह वर्मा और चेतन कश्यप को शामिल किया जा सकता है।
पुराने चेहरों में इनको मिल सकती जगह- मोहन यादव कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन बैठाने के लिए कुछ पुराने और दिग्गज नेताओं को भी जगह मिल सकती है। इसमें पिछली सरकार में शामिल तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, बृजेंद्र प्रताप सिंह, ,इंदर सिंह परमार, हरदीप सिंह डंग को फिर से मौका मिल सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार में संगठन और सरकार के बीच सांमजस्य बैठाने की पहल दिखाई दे सकती है।
दिल्ली से लगेगी नाम पर मोहर- मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल के सदस्यों पर अंतिम मोहर दिल्ली से लगेगी। बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री का कार्यभार ग्रहण करने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ नामों को लेकर मंथन कर सकते है। इसके बाद दोनों नेता नामों की सूची लेकर दिल्ली जा सकते है और पार्टी हाईकमान से नामों पर अंतिम मोहर लगा सकते है।