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सिंधिया घराने के 'युवराज' की सियासी एंट्री,पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह पर सियासत में एंट्री करते महाआर्यमन सिंधिया !

महाआर्यमन सिंधिया के जन्मदिन पर ग्वालियर के जयविलास पैलेस में सिंधिया घराने का शक्ति प्रदर्शन, जन्मदिन पर भव्य जलसा, तलवार से काटा केक

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विकास सिंह

, गुरुवार, 18 नवंबर 2021 (12:55 IST)
मध्यप्रदेश की राजनीति में ‘महाराज’ के नाम से जाने पहचाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे ‘युवराज’ महाआर्यमन सिंधिया अब सियासी मैदान में उतरने को तैयार है। प्रदेश के साथ-साथ देश के सियासी इतिहास में सिंधिया घराने का अपना एक अलग ही स्थान है और अब इस इतिहास को आगे बढ़ाने के लिए महाआर्यमन सिंधिया में भविष्य के लिए तैयार दिखाई दे रहे है। 
 
दरअसल बुधवार को महाआर्यमन सिंधिया का जन्मदिन था और इस बार युवराज ने अपना 26 वां जन्मदिन सार्वजनिक रूप से ग्वालियर के जयविलास पैलेस में सिंधिया घराने के समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मनाया। जयविलास पैलेस में हुए शानदार जलसे में रंगारंग आतिशबाज़ी के बीच 50 से अधिक केक काटे गए। खास बात यह रही है कि माहआर्यमन सिंधिया ने समर्थकों के एक बड़े केक को तलवार से काटा।
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जन्मदिन के इस सार्वजनिक समारोह में युवराज महाआर्यमन सिंधिया को बधाई देने के लिए ग्वालियर-चंबल संभाग से बड़ी संख्या में भाजपा नेता और कार्यकर्ता जय विलास पैलेस पहुंचे थे। जयविलास महल में महाआर्यमन सिंधिया के जन्मदिन के इस भव्य आयोजन को सियासी गलियारों में युवराज के सियासी एंट्री की तैयारी के रुप में देखा जा रहा है। वहीं जब महाआर्यमन सिंधिया से राजनीति में आने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सालों बाद अब स्थाई रूप से ग्वालियर आ गया हूं। मैं अब जनता से मिल रहा हूं लोगों को समझूंगा उसके बाद राजनीति करूंगा। 
 
ग्वालियर में रहकर सिंधिया घराने की राजनीति को करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर राकेश पाठक कहते हैं कि जयविलास पैलेस में महाआर्यमन के जन्मदिन के समारोह को निश्चित तौर पर राजनीति में एक औपचारिक शुरुआत मान लेनी चाहिए। दरअसल इसी तरह के कार्यक्रमों के जरिए सिंधिया घराने की अगली पीढ़ी राजनीति में पर्दापण करती है। निश्चित तौर पर जयविलास पैलेज में जन्मदिन के बहाने जो भीड़ जुटाई गई और उसमें सिंधिया समर्थक सहित भाजपा में उनके समर्थक थे। 
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सिंधिया भी बेटे को कर चुके है लॉन्च!- महाआर्यमन सिंधिया को पहले ही पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया लॉन्च कर चुके है। इस साल महाअष्टमी पर सिंधिया घराने की पारंपरिक बंगाली समाज के पूजन में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि सिंधिया परिवार ने पीढ़ी दर पीढ़ी विजयापरम्परा निभाई है। अब सिंधिया परिवार की अगली पीढ़ी परंपरा का निर्वहन करने के लिए आपके सामने है।
 
दरअसल पर दशहरे पर सिंधिया राजपरिवार अपनी परंपरागत पूजा करता है. अभी तक सिंधिया इसमें अकेले शामिल होते थे. लेकिन इस बार वो अपने युवा बेटे महा आर्यमन के साथ आए। ज्योतिरादित्य सिंधिया और महाआर्यमन सिंधिया राजसी पोशाक में तैयार होकर निकले और पूजा के लिए देवघर पहुंचे।
 
सिंधिया घराने की सियासत को कई दशकों से देखने वाले राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर राकेश पाठक कहते हैं कि सिंधिया घराने में नई पीढ़ी का ही ऐसे ही राजनीति में प्रवेश होता रहा है। माधवराव सिंधिया जब लंदन से पढ़कर लौटे तो महाराजबाड़े पर राजमाता की मौजदूगी में स्वागत कार्यक्रम के जरिए उनके सार्वजनिक जीवन में प्रवेश कराया गया। वहीं इसी तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया जब स्टैनफोर्ड से एमबीए करके आए थे तब ग्वालियर के चैंबर ऑफ कॉमर्स में उनका स्वागत समारोह रखा गया था।
 
वहीं राकेश पाठक कहते हैं कि महाआर्यमन के ग्वालियर में ज्यादा समय देने में एक और संकेत छिपा है। सिंधिया अगल लोकसभा चुनाव ग्वालियर से लड़ सकते है और इसके लिए जमीनी कामकाज महाआर्यमन शुरु कर रहे है। इसके महाआर्यमन की ग्वालियर चंबल में एक औपचारिक एंट्री मान लेनी चाहिए। 
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राजनीति में रुचि रखते है महाआर्यमन सिंधिया- राजनीति में उतरने के लिए तैयार नजर आने वाले महाआर्यमन सिंधिया सियासत में काफी रुचि रखते है। पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया से राजनीति का ककहरा सिखने वाले महाआर्यमन सिंधिया उस वक्त चर्चा में जब उन्होंने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के फैसले का स्वागत किया था। सोशल मीडिया पर खासा सक्रिय रहने वाले महाआर्यमन सिंधिया पिता के फैसले पर गर्व करते हुए ट्वीट किया था। ट्वीट के जरिए महाआर्यमन ने लिखा था, "इतिहास गवाह है कि मेरा परिवार कभी भी सत्ता का भूखा नहीं रहा. जैसा कि हमने वादा किया था कि हम भारत और मध्य प्रदेश में प्रभावी बदलाव लाएंगे।"
 
इसके साथ 2019 को लोकसभा चुनाव में महाआर्यमन सिंधिया पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया का चुनाव प्रचार करते हुए नजर आए थे। वहीं वह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय के साथ भी चुनावी मंच पर दिख चुके है। 
 
पिता महाआर्यमन ने भी अपने पिता की तरह ही दून स्कूल से पढ़ाई की है।आगे की पढ़ाई के लिए वह अमेरिका चले गए. उन्होंने अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। यह ग्रेजुएशन उन्होंने मार्च 2019 में पूरा किया था।

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