नीमच में पोस्तादाना (खसखस) 97 हजार रुपए क्विंटल बिका, वहीं जावरा की पोस्तादाना मंडी में पोस्तादाना 1 लाख 10 हज़ार रुपए क्विंटल का आंकड़ा पार गया। पोस्तादाना का यह भाव आने के बाद अफीम किसानों का कहना है कि हमारा पूरा जीवन निकल गया इस भाव में कभी पोस्तादाना नहीं बिका।
पोस्तादाना यानी अफीम का बीज, जिसे खसखस भी कहते हैं। देश की सबसे बड़ी पोस्तादाना मंडी नीमच में शनिवार को पोस्तादाना 97 हज़ार रुपए क्विंटल बिका, जबकि जावरा मंडी में पोस्तादाना का भाव 1 लाख 10 हज़ार रुपए क्विंटल पहुंच गया। नीमच मंडी निरीक्षक दिनेश कुमार जैन के अनुसार पोस्तादाना में लगातार उछाल जारी है। आज मंडी में पोस्तादाना की बंपर आवक भी हुई।
पोस्तादाना का उत्पादन भारत के एमपी के मालवा और राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में होता है। इन दोनों राज्यों में करीब 60 हजार अफीम किसान हैं। अफीम की खेती के बाद बचे सूखे डोडे में से पोस्तादाना निकलता है। इसे भारत के अधिकांश राज्यों में खाने के काम में लिया जाता है। कई व्यंजन पोस्तादाने के बिना नहीं बनते।
नीमच मंडी में पोस्तादाना बेचने आए किसान भरत पाटीदार (बामनिया) ने बताया की मैं जब से अफीम की खेती कर रहा हूं तब से अब तक बीते 50 साल में पोस्तादाना का यह भाव हमने नहीं देखा। यही बात जावद के अफीम किसान जमनालाल पाटीदार ने कही। उन्होंने कहा कि अफीम किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं है।
इस पूरे मामले में बड़े पोस्तादाना कारोबारी दीपक अग्रवाल का कहना है कि टर्की और चाइना से पोस्तादाना का आयात बंद होने के कारण इसके भाव में भारी तेज़ी देखी जा रही है। मालवा में नीमच के बाद जावरा भी पोस्तादाने की बड़ी मंडी मानी जाती है। पोस्ता कारोबारी अग्रवाल ने कहा कि आज नीमच मंडी में करीब एकहजार बोरी पोस्तादाना की बंपर आवक हुई।