सागर में आज आयोजित रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में निवेशकों की निवेशकों की ओर से करीब 19 हजार करोड़ रुपए के प्रस्ताव मिले हैं, जिससे लगभग 30 हजार रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। इन्वेस्टर्स समिट में मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से MPIDC के सागर कार्यालय का भूमिपूजन और सागर संभाग के 6 इन्वेस्टमेंट सेंटर के साथ कोयम्बटूर (तमिलनाडु) कार्यालय का भी वर्चुअल शुभारंभ किया। इसके साथ ही 96 इकाइयों की स्थापना के लिए 240 एकड़ भूमि का आवंटन पत्र वितरित किया। प्रदेश में लगभग ₹1,564 करोड़ के निवेश से 5,900 से अधिक रोजगार सृजित होंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सागर में डाटा सेंटर स्थापित करने के लिए एक बड़ा प्रस्ताव मिला है। प्रदेश में उद्योग व्यवसाय से जुडे़ घराने लगातार सहयोग कर रहे हैं। सागर के बाद रीवा, नर्मदापुरम और शहडोल में भी रीजनल इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बताए गए विभिन्न बिन्दुओं पर ध्यान केंद्रित कर राज्य सरकार उन्हें पूरा करने का प्रयास कर रही है। खासकर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मध्यप्रदेश में तलाशने पर जोर दिया जा रहा है। गरीबों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के हित में सभी प्रकार के उद्योग स्थापित करने और रोजगार दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को उनकी क्षमता के अनुसार रोजगार दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। व्यापार और व्यवसाय के लिए प्रदेश में अनुकूल अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आने वाले 5 साल में राज्य की अर्थव्यवस्था दोगुनी करने का लक्ष्य है, जिसे हम तीन साल में ही पूरा करने का प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए टैक्स और जीएसटी का संग्रहण बढ़ाने का कार्य चल रहा है। विकास के नये आयाम स्थापित करने के लिए सभी संभागों में लगातार रीजनल कॉन्क्लेव और देश के महानगरों में रोड-शो किये जा रहे हैं। इनका प्रदेश में बड़े पैमाने पर असर दिख रहा है। अभी तक 2 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आए हैं। यह कार्य लगातार जारी रहेगा। प्रदेश में केवल बड़े उद्योग ही नहीं, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एमएसएमई के साथ स्व-सहायता समूह की बहनों को प्रोत्साहन देने का कार्य किया जा रहा है। आईटी, एआई, इंजीनियरिंग सहित उच्च तकनीक के अलग-अलग पाठ्यक्रमों के छात्रों को प्रोत्साहन देकर प्रदेश में उनकी क्षमता का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश के विकास, उद्योग और रोजगार बढ़ाने के प्रयास लगातार जारी हैं।