इंदौर (मध्यप्रदेश)। इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में रैगिंग के मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि रैगिंग के दौरान वरिष्ठ विद्यार्थियों द्वारा कनिष्ठ छात्रों से कथित तौर पर कहा जाता था कि वे तकिए के साथ यौन क्रिया करें।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एक पीड़ित छात्र द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की हेल्पलाइन को शिकायत के बाद हरकत में आए महाविद्यालय प्रबंधन ने अज्ञात वरिष्ठ विद्यार्थियों के खिलाफ 24 जुलाई की देर रात आपराधिक मामला दर्ज कराया था।
संयोगितागंज पुलिस थाने के प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि इस मामले में पुलिस तकनीकी सबूत जुटाकर इनके आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही है। उन्होंने बताया कि हमें जांच के दौरान सुराग मिला है कि वरिष्ठ विद्यार्थी रैगिंग के दौरान कनिष्ठ छात्रों को तकिये के साथ यौन क्रिया करने को कहते थे। हम इस बात की तस्दीक की कोशिश कर रहे हैं।
थाना प्रभारी के मुताबिक चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रावास के बाहर रहने वाले कनिष्ठ छात्र (डे स्कॉलर) ने यूजीसी की हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराते वक्त न तो अपनी पहचान जाहिर की थी, न ही उन वरिष्ठ विद्यार्थियों के नाम लिखे थे जो उनके साथ कथित रैगिंग करते थे।
काजी ने बताया कि हमने 97 कनिष्ठ छात्रों को नोटिस भेजकर कहा है कि अगर उन्हें रैगिंग के बारे में कोई जानकारी है, तो वे इसे पुलिस के साथ साझा कर सकते हैं और रैगिंग के सिलसिले में सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता छात्र द्वारा रैगिंग के आरोपों को लेकर मुहैया कराया गया डेटा चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा पुलिस को जांच के लिए पहले ही सौंपा जा चुका है।
यह मामला सामने आने के बाद चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने दावा किया था कि रैगिंग की घटना महाविद्यालय और इसके छात्रावास के परिसरों के बाहर की है। (भाषा)