भोपाल। महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में आज मंगलवार को 21 लाख दीपों के प्रज्वलन के साथ नया विश्व रिकॉर्ड बना। शाम 7 बजते ही महाकाल मंदिर सहित शिप्रा नदी के तट लाखों दीपों से एक साथ जगमगा उठे। इस खास पल के साक्षी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह समेत कैबिनेट के कई मंत्री और धर्मगुरु भी हुए।
आज महाशिवरात्रि के पर्व पर बाबा महाकाल के भव्य पूजन के साथ ही जिला प्रशासन ने 21 लाख दीये जलाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया और एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। लाखों श्रद्धालुओं और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 'शिव ज्योति अर्पणम' के नाम से आयोजित इस दीप महोत्सव के साक्षी बने।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता 'सर्वधर्म समभाव' के सिद्धांत का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह मेरी हार्दिक कामना और प्रार्थना है कि भगवान शिव मध्यप्रदेश के सभी नागरिकों को अपना आशीर्वाद प्रदान करें और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के सपने को प्राप्त करने के लिए हमारा मार्गदर्शन करना जारी रखें। 21 लाख दीयों का लक्ष्य पूरा करने के लिए देवस्थली महाकाल मंदिर के प्रांगण के अलावा मां समान पूजनीय शिप्रा नदी के तट पर, अन्य देवस्थानों व मंदिरों और घर-घर में दीप प्रज्वलित किए गए।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम 1 दिन पहले ही इस कार्यक्रम को रिकॉर्ड के रूप में दर्ज करने के लिए उज्जैन पहुंच चुकी थी। दीयों के प्रज्वलन की व्यवस्था में कोई कमी ना आए, इसके लिए प्रशासन द्वारा ब्लॉक और सेक्टर बनाए गए थे और हर सेक्टर में स्वयंसेवकों को नियुक्त किया गया था। बता दें कि इस आयोजन को साकार करने के लिए 17 हजार से ज्यादा स्वयंसेवकों ने अपना योगदान दिया।
ईको फ्रेंडली आयोजन
'शिव ज्योति अर्पणम' कार्यक्रम की पूरी व्यवस्था में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया था कि सबकुछ ईको-फ्रेंडली रहे, साथ ही कार्यक्रम के बाद किसी तरह की बर्बादी न हो। इसी 'जीरो वेस्ट' लक्ष्य के चलते स्वयंसेवकों के पहचान पत्र क्यूआर कोड एप के माध्यम से रीसाइकल पेपर से बनाए गए थे। मोमबत्तियों को जलाने के लिए पेपर मैचबॉक्स का इस्तेमाल किया गया। खाने-पीने के लिए केवल जैव-निम्नीकरणीय कटलरी, प्लेट का उपयोग हुआ। महोत्सव के बाद दीयों का उपयोग मूर्ति, मटके, कुल्हड़ आदि बनाने में और होम कम्पोस्टिंग में किया जाना तय हुआ है। साथ ही कार्यक्रम के बाद बचे हुए तेल का गौशाला आदि में इस्तेमाल होगा। तेल की खाली बोतलों का 3-R प्रक्रिया के माध्यम से फिर इस्तेमाल होगा।
महाकाल विकास विस्तार योजना की प्रगति का लिया जायजा
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 750 करोड़ रुपए की लागत की श्री महाकाल विकास विस्तार योजना के प्रथम चरण में चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। साथ ही त्रिवेणी संग्रहालय में परिसर विस्तार योजना के द्वितीय चरण का प्रजेंटेशन भी देखा। यह प्रजेंटेशन उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा दिया गया। उज्जैन में श्री महाकाल महाराज मंदिर परिसर के विस्तार का कार्य पूर्ण होने पर भव्य, दिव्य एवं अलौकिक स्वरूप सामने आएगा। मंदिर परिसर के विस्तार में श्रद्धालुओं को सुविधा भी पहले से ज्यादा मिलेगी।
उज्जैन को मिलेंगी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं
मध्यप्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में हो रहे विकास कार्यों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विकास के लिए 5,722 करोड़ रुपए की 11 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उज्जैन में आयोजित पूरे मालवा में यह निश्चित रूप से उज्जैन में विकास की गति को तेज करेगा और उज्जैन को भारत की धार्मिक पर्यटन राजधानी के रूप में विश्व मानचित्र पर रखेगा। हमारी सरकार भगवान शिव के भक्तों को विश्वस्तरीय सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है जिसमें रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर तक केबल कार सेवा शुरू करना शामिल है।