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शहडोल के मनीष गर्ग बने 'इंटेल' के ब्रांड एम्बेसेडर

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- कीर्ति राजेश चौरसिया
 
शहडोल। जिले के ब्योहारी ब्लॉक के बराछ गांव के मनीष गर्ग को विश्व की नामी कम्प्यूटर कंपनी इंटेल ने अपना ब्रांड एम्बेसेडर बनाया है। गांव से ताल्लुक रखने वाले मनीष सेवानिवृत्त हेतराम गर्ग के पौत्र और कालरी कर्मचारी विद्याधर गर्ग के सुपुत्र हैं।
 
27 वर्षीय मनीष बचपन से ही तकनीकी शिक्षा में रुचि रखते थे। कक्षा 10वीं के बाद इन्होंने स्कूल छोड़ दिया था किंतु कम्प्यूटर के माध्यम से स्वाध्यायी छात्र के रूप में पढ़ाई जारी रखी और इंटेल जैसी कंपनी का ब्रांड एम्बेसेडर बनकर उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की।
 
गणित एवं विज्ञान में गहरी अभिरुचि के कारण आईआईटी-जेईई की परीक्षा अच्छे रैंक से पास की। सबसे बड़ी बात यह है कि कहीं कोई कोचिंग व ट्यूशन नहीं ली। विद्यालयीन पढ़ाई के सहारे घर में ही कठिन परिश्रम करके सफलता हासिल की। 
 
मनीष ने भारत विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्था, कोलकाता में प्रवेश लिया। इस बीच विज्ञान अनुसंधान में देश के अग्रणी संस्थानों जैसे टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई में काम करते हुए कई शोधपत्र भी प्रकाशित कराए।
 
विश्व के सबसे बड़े अनुसंधान केंद्र मैक्स प्लांक क्वांटम ऑप्टिक्स संस्थान द्वारा इन्हें पीएचडी के लिए बुलाया गया। जर्मनी में स्थित इस संस्थान में काम करते हुए मनीष ने विश्व के शीर्ष वैज्ञानिकों से अपना लोहा मनवा लिया।
 
आज लेजर किरणों के माध्यम से ब्रह्मांड के सूक्ष्मतम कणों का अध्ययन करने वाले विश्व के गिने-चुने वैज्ञानिकों में मनीष का नाम भी लिया जाता है। मनीष के शोधपत्रों को विश्व की सबसे बड़ी वैज्ञानिक पत्रिका 'नेचर' में भी प्रकाशित किया गया, जो किसी भारतीय पीएचडी छात्र वैज्ञानिक के लिए बड़ा कीर्तिमान है।
 
मनीष की इन्हीं वैज्ञानिक उपलब्धियों से प्रभावित होकर भारत सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना 'डिजिटल इंडिया' में सबसे बड़ी सहयोगी कम्प्यूटर कंपनी इंटेल ने युवाओं के बीच मनीष के कार्यों को अपने विजन द्वारा प्रस्तुत किया है ताकि नई पीढ़ी के युवा उनसे प्रेरणा लेकर विश्वस्तर पर कोई बड़ा कार्य कर सकें।
 
विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय युवा वर्ग को प्रोत्साहित करने के लिए पहली बार किसी बड़ी कंपनी ने एक वैज्ञानिक को युवाओं के रोल मॉडल के रूप में चित्रित किया है।

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