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जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर पर्यावरण संरक्षण सप्ताह संपन्न

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विश्व पर्यावरण दिवस के अंतर्गत जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलेपमेंट द्वारा 3 से 8 जून 2016 तक पर्यावरण संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया गया। 3 जून से 8 जून तक चलने वाले इस आयोजन का शुभारंभ पर्यावरणविद् पद्मश्री भालू मोढें, तवलीन फाउंडेशन के डॉ. जी एस नारंग व श्रीमती अमृता शर्मा, जीएसआईएमआर के डायरेक्टर श्री रवि गुप्ता, शासकीय गर्ल्स डिग्री कॉलेज से डॉ. मंजु शर्मा, जैविक कृषि विशेषज्ञ श्री प्रेम जोशी, इंजीनियर अरूण आनंद, होमाथैरेपी विशेषज्ञ सुश्री करीन, झाबुआ से पधारे स्वामी राजू महाराज और विवेकानंद कॉलेज के शिक्षकों द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय युवा एवं बच्चों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। 
इस अवसर पर कार्यक्रम की मेजबान डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने बताया कि जिम्मी सेंटर वर्ष 2011 से सनावदिया में इसी तरह से पर्यावरण दिवस मनाता आ रहा है और अब तक इसके फलस्वरूप स्थानीय स्तर पर आए सकारात्मक बदलाव भी देखे जा सकते हैं। यहां पर हर दिन पर्यावरण दिवस है और हर पल यहां पर्यावरण, प्रकृति और उससे जुड़े हमारे रिश्ते को दीर्घकाल तक सहेजने का प्रयास किया जाता है।
 
एक हफ्ते लंबे प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य न सिर्फ एक इंवेट करना है बल्कि स्थानीय लोगों को स्वस्थ पृथ्वी के प्रति जागरूक बनाना और तरीके सिखाना भी है। इसके साथ ही इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए आगे आने को प्रेरित करना है। पर्यावरण के लिए कुछ सकारात्मक कदम व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से उठाने की जरूरत समझाना भी है। 
 
यहां दिया जाने वाले प्रशिक्षण भी पूर्णत: निशुल्क है और जिम्मी मगिलिगन सेंटर को एक सप्ताह तक सभी के लिए खुला रखा गया है। सेंटर पर आकर ईको फ्रेंडली वातावरण, पर्यावरण सहेजने हेतु प्रयोग की जाने वाली दीर्घकालिक तकनीक एवं जीवनशैली का अनुभव करने के लिए यहां हर कोई आमंत्रित है।

वर्तमान में जलसंकट एक गंभीर चिंता का विषय है, लेकिन रूफ वॉट हार्वेस्ट‍िंग सिस्टम द्वारा जल संरक्षण का बेहतरीन उदाहरण जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर देखा और सीखा जा सकता है। इस तरीके से घर की छत पर इकट्ठा पानी का प्रयोग जमीन में पानी के स्तर को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। 
 
3 से 8 जून तक सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक जिमि मगिलिगन सेंटर को सभी आगंतूकों के लिए खुला रखा गया है। यहां आकर आप रूफ वॉटर हार्वेस्ट‍िंग सिस्टम, सोलर ऊर्जा तकनीक, जैविक खेती एवं दीर्घकालिक जीवनशैली का अनुभव पा सकते हैं।
 
सभी प्रतिभागियों ने सोलर विंड तकनीक, गाय के विभिन्न उत्पादों के इस्तेमाल से होने वाली ऑर्गेनिक कृषि और ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से पैदा किए जाने वाले 60 अलग उत्पाद देखे। जो मनुष्य के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के साथ-साथ सब्जी पैदा करने का, मिनरल्स को बचाने में मददगार हैं। इन सभी तरीकों से मिट्टी, वायु, अग्नि, जल तथा आकाश जैसे पांचों तत्वों को बचाया जा सकता है।  
 
इस अवसर पर डॉ. जनक ने वर्षा के पानी को संरक्षित करने संबंधी एक वीडियो प्रस्तुत किया, वहीं कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद् पद्मश्री भालू मोढें ने पशु-पक्षी बचाओ-पर्यावरण बचाओ विषय पर अनूठे स्लाइड शो की प्रस्तुति दी और प्रतिभागियों से बातचीत की। डॉ. जनक ने सभी प्रतिभागियों और विशेषज्ञों के प्रति आभार प्रकट किया। 

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