Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शिवराज सरकार स्कूलों में पढ़ाएगी वीर सावरकर की जीवनी, कांग्रेस ने बताया शहीदों का अपमान

हमें फॉलो करें शिवराज सरकार स्कूलों में पढ़ाएगी वीर सावरकर की जीवनी, कांग्रेस ने बताया शहीदों का अपमान
webdunia

विकास सिंह

, गुरुवार, 29 जून 2023 (14:33 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश के स्कूलों में अब वीर सावरकर की जीवनी पढ़ाई जाएगी। शिवराज सरकार ने स्कूलों के पाठ्यक्रम में वीर सावरकर की जीवनी शामिल करने जा रही है। मध्यप्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने वीर सावरकर की जीवनी को  स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की जानकारी दी है।

मीडिया से बात करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि वीर सावरकर पहले लेखक थे, जिन्होंने 1857 आंदोलन को ‘स्वतंत्रता संग्राम’ कहा था। भारत की आजादी में उनका अपूरणीय योगदान है और इसलिए उनको सम्मान मिलना चाहिए। दुर्भाग्य से कांग्रेस की सरकारों ने भारत के क्रांतिकारियों को इतिहास के पन्नों में जगह नहीं दी। विदेशी आक्रांताओं को महान लिखा गया। हम बच्चों को उनके बारे में पढ़ाने का काम करेंगे, इसलिए नए पाठ्यक्रम में हम इसे भी जोड़ेंगे।

इसके साथ स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत भारत की ज्ञान परंपरा के आधार पर गीता, वेदों, रामायण का संदेश समाज को ऊर्जा देने वाले ज्ञान को हम फिर से बच्चों तक पहुंचाने का काम करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत महापुरुषों  भगवान परशुराम, गौतम बुद्ध, महावीर स्वामी, गुरु गोविंद सिंह सिंह, महाराणा प्रताप, बाबा साहेब अम्बेडकर, अब्दुल कलाम, सैनिकों, वैज्ञानिकों के जीवन के बारे में स्कूली बच्चों को पढ़ाया जाएगा।

गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्कूलों में वीर सावरकर को पढ़ाने का फैसला कर चुकी है। उत्‍तर प्रदेश माध्‍यमिक शिक्षा परिषद ने अपने सिलेबस में विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी को शामिल किया था। स्‍टूडेंट्स अब सिलेबस में अनिवार्य रूप से वीर सावरकर की जीवनी पढ़ेंगे।

कांग्रेस ने उठाए सवाल?-वीर सावरकर की जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने के शिवराज सरकार के फैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाए है। कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख केके मिश्रा ने कहा कि “सावरकर को पढ़ाया जाना वीर शहीदों का अपमान है क्योंकि सावरकर ने जेल से रिहा होने के लिए अंग्रेजों से लिखकर माफी मांगी थी, यह सर्व विदित है। वहीं भगत सिंह,राजगुरु,सुखदेव जैसे देशभक्तों ने हंसते हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। फिर भी सरकार नहीं मानती है तो सावरकर ने "सावरकर समग्र" नाम से 10 खंड लिखे थे उन्हें भी छात्रों को पढ़ाना चाहिए। खासतौर से खंड 7 का चैप्टर "गौ पालन हो, गौ पूजन नहीं" ताकि गौ माता को लेकर BJP-RSS की वास्तविक राय क्या है,जान सकें?

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा के दौरान बवाल, कांग्रेसियों पर आंसू गैस के गोले दागे