2023 विधानसभा चुनाव से पहले BJP के चुनावी एजेंडे को कैसे साध रहे है शिवराज?
मध्यप्रदेश में इन दिनों क्यों बदले-बदले नजर आ रहे ‘सरकार’ ?
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों एक बदले हुए अंदाज में नजर आ रहे है। डेढ़ दशक से अधिक समय से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाले शिवराज सिंह चौहान प्रशासनिक कामकाज से लेकर सियासी मोर्चो तक एक अलग ही तेवर में नजर आ रहे है। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज का यह बदला हुआ अंदाज सियासी गलियारों में काफी चर्चा के केंद्र में है। इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार सुबह 6.30 बजे जिलों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर जिलों में सरकार के विकासकार्यों की सीधे ग्राउंड रिपोर्ट ले रहे है। शुक्रवार सुबह 6.30 बजे मुख्यमंत्री ने भिंड और सीधी जिले की बैठक ली। बैठक में इन जिलों के प्रभारी मंत्रियों के साथ-साथ जिले के अधिकारी भी शामिल हुए।
इन बैठकों में मुख्यमंत्री अधिकारियों से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं (सरकार की लाभार्थी स्कीम) के क्रियान्वयन की जानकारी लेने के साथ अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित कर रहे है वहीं काम में लापरवाही या ऐसे अफसर जिनके कामकाज के तरीके को लेकर जनता से शिकायत प्राप्त हो रही है,उनको खबरदार भी कर रहे है। मुख्यमंत्री बैठक में साफ कह रहे है कि जो अधिकारी-कर्मचारी गड़बड़ी करे उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए और अच्छा काम करे उनके काम को प्रोत्साहत भी मिले।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री की बैठक के दौरान जब भिंड के कलेक्टर ने जिले में खारे पानी की अधिकता का हवाला दिया तो मुख्यमंत्री कलेक्टर से कहा कि कुछ ऐसा काम करके जाएं कि आपकी कलेक्ट्री को जिले में हमेशा याद रखा जाए,आप पेयजल की स्थिति को एक टास्क के रूप में लें और भिंड में खारे पानी के स्थान पर मीठा पानी कैसे उपलब्ध हो, यह काम करके दिखाए।
भाजपा के सबसे अधिक लंबे समय तक मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड रखने वाले शिवराज सिंह चौहान चौथी पारी में एक ऐसे अंदाज में नजर आ रहे है जो उनके करीबियों के साथ-साथ राजनीतिक विश्लेषकों और जनता को भी चौंकाती है।
ऐसा ही एक नजारा गुरुवार को मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार पत्र योजना के राज्यस्तरीय ऑनलाइन कार्यक्रम में भी दिखाई दिया। कार्यक्रम में अंत में मुख्यमंत्री जब अपनी बात समाप्त कर रहे थे तब उन्होंने कहा कि बुरहानपुर कलेक्टर इधर-उधर मुंडी न हिलाएं। सामने देखें। प्रवीण जब मैं बोल रहा हूं तो तुम्हे बात करने का अधिकार नहीं है। इसके साथ गुरुवार को सिवनी जिले की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने सिवनी कलेक्टर को ताकीद करते हुए कहा कि पीएम आवास में नाम जुड़वाने के नाम पर पैसे लेने की शिकायतें मिली है।
सौम्य और उदारवादी छवि वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने चौथे कार्यकाल में फैसला ऑन स्पॉट के मूड में नजर आ रहे है। बात चाहे कानून व्यवस्था की हो या सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को लाभार्थी तक पहुंचाने की शिवराज कोई भी ढील देने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे है। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से मुकाबले में भाजपा का सबसे बड़ा मुद्दा मजबूत सरकार और लाभार्थी होने जा रहा है, ऐसे में शिवराज अपनी लगातार बैठकों से प्रशासनिक स्तर पर कामकाज में कसावट लाकर जनता को सीधा संदेश देना चाह रहे है।
चौथी पारी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बदलते तेवर को जमीनी अधिकारी भी अच्छी तरह भांप चुके है। बात चाहे गुना के आरोन में पुलिसकर्मियों की हत्या के गुनहगारों के एनकाउंटर का हो या खरगोन, बड़वानी में हुए दंगों के आरोपियों पर बुलडोजर चलाने का। शिवराज सार्वजनिक मंचों से स्थानीय प्रशासन इन फैसलों की तारीफ कर चुके है। सार्वजनिक मंचों पऱ शिवराज कहते हैं कि “मामा का बुलडोजर चला है अब रुकेगा नहीं जब तक बदमाशों को दफन नहीं कर देगा। मध्यप्रदेश में जितने गुंडे और अपराधी हैं वह भी सुन ले,अगर गरीब कमजोर की तरफ हाथ उठा तो, मकान खोदकर मैदान बना दूंगा। चैन से नहीं रहने दूंगा”।
मिशन 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज मजबूत सरकार की छवि गढ़ने के साथ राजनीतिक मोर्चे पर भी अपने फैसलों से पार्टी को मजबूत कर रहे है। पंचायत और निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस अंदाज में सरकार की ओबीसी हितैषी छवि को जनता के सामने रखा उससे ठीक चुनाव से पहले वह सरकार की ओबीसी हितैषी छवि का एक बड़ा संदेश देने में कामयाब हो गए।
2023 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व,मजूबत सरकार और लाभार्थी भाजपा के चुनावी एजेंडे में सबसे उपर होंगे और चुनाव से तकरीबन डेढ़ साल पहले आज की तारीख में शिवराज ने इस सभी मोर्चों पर एक साथ काम कर 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत दिलाने की जमीन तैयार कर रहे है।