लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर योजना को लेकर अधिकारियों की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। राज्य सूचना आयोग के सचिव अभय सिंह (IAS) ने सूचना आयोग भवन में स्मार्ट मीटर इंस्टॉल कराने के बाद कहा कि, 'सरकार का यह कदम बहुत ही सराहनीय है। यह प्रयास उपभोक्ताओं के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। उनकी सहूलियतें निश्चित रूप से बढ़ेंगी।' विभूति खंड गोमती नगर स्थित आर.टी.आई. (सूचना आयोग) भवन प्रदेश के उन चुनिंदा उपभोक्ताओं में से एक है जो बिजली विभाग को एडवांस पेमेंट करता है।
सूचना आयोग के सचिव अभय सिंह ने कहा कि सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के सभी सरकारी भवनों पर स्मार्ट मीटर लगाना सुनिश्चित किया गया है। इससे बिजली विभाग का एटीएनसी (AT&C) (Aggregate Technical & Commercial Loss) लॉस कम करने में मदद मिलेगी और बिजली चोरी की घटनाओं को रोका जा सकेगा। अब उपभोक्ताओं को इस भीषण गर्मी में अपना बिजली का बिल जमा करने के लिए विद्युत विभाग के दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे बल्कि वो घर बैठे अपना बिजली का बिल आसानी से जमा कर पाएंगे।
यूपीपीसीएल के पूर्व चेयरमैन विजय शर्मा के आवास पर भी स्मार्ट मीटर लगाया गया। विजय शर्मा ने स्मार्ट मीटर को उपभोक्ता हितैषी बताते हुए कहा कि यह बिजली चोरी रोकने और उपभोक्ताओं को सही बिलिंग सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। उन्होंने आम उपभोक्ताओं से अपील की कि वे अपने घरों में स्मार्ट मीटर जल्द से जल्द इंस्टॉल करवाएं ताकि उन्हें ऊर्जा खपत की निगरानी और अनावश्यक बिलिंग से बचाव का लाभ मिल सके।
विद्युत विभाग का कहना है कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को रियल-टाइम डेटा प्रदान करता है, जिससे वे अपनी ऊर्जा खपत को मॉनिटर और नियंत्रित कर सकते हैं। इससे गलत बिजली बिल की संभावना खत्म हो जाती है और उपभोक्ता ऑनलाइन अपनी खपत पर नजर रख सकते हैं। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को बिजली कटौती की जानकारी पहले से उपलब्ध कराता है और लोड मैनेजमेंट की सुविधा भी देता है, जिससे अधिक खपत होने पर अलर्ट मिलता है।