Som Distillerys license suspended : सोम डिस्टलरीज पर मोहन यादव सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। शराब कंपनी का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। कंपनी में 59 बच्चे शराब बनाते मिले थे। यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक है।
नाबालिगों से शराब बनवाने के मामले में शराब कंपनी सोम डिस्टलरीज का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। मोहन यादव की नाराजगी के बाद जिला आबकारी अधिकारी, 3 आबकारी SI, एक श्रम निरीक्षक पर कार्रवाई हो चुकी है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस संबंध में आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने आदेश जारी किया है। कलेक्टर रायसेन के प्रतिवेदन तथा थाना उमरावगंज जिला रायसेन में पंजीबद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट में वर्णित तथ्यों के आधार पर मेसर्स सोम डिस्टलरीज प्रायवेट लिमिटेड सेहतगंज जिला रायसेन इकाई में बाल श्रमिक कार्य करते हुए पाए गए।
उक्त अनुक्रम में इकाई मेसर्स सोम डिस्टलरीज प्रायवेट लिमिटेड सेहतगंज जिला रायसेन द्वारा प्रस्तुत उत्तर प्रथम दृष्टया समाधानकारक नहीं है। इस कारण से मेसर्स सोम डिस्टलरीज प्रायवेट लिमिटेड द्वारा मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम-1915 के अंतर्गत बने मध्यप्रदेश आसवानी नियम-1995 के नियम के अंतर्गत अनुज्ञप्ति की शर्त मध्यप्रदेश देशी स्पिरिट नियम-1995 तथा उक्त नियम के अंतर्गत अनुज्ञप्ति की शर्त, मध्यप्रदेश विदेशी स्पिरिट नियम-1996 तथा उक्त नियमों के अंतर्गत प्रदत्त अनुज्ञप्ति की शर्त एवं टेण्डर तथा लायसेंस शर्तों तथा आबकारी कार्यालय द्वारा जारी निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है।
कलेक्टर जिला रायसेन के 15 जून के पत्र अनुसार राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा मेसर्स सोम डिस्टलरीज प्रायवेट लिमिटेड सेहतगंज जिला रायसेन की मदिरा निर्माण इकाई का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में कुल 59 बालक-बालिकाएँ नाबालिग प्रतीत होने पर जिला श्रम अधिकारी एवं जिला बाल कल्याण समिति के माध्यम से परीक्षण करवाया गया। इसके अलावा आयु परीक्षण के संबंध में बच्चों के माता-पिता को आवश्यक दस्तावेज सहित बुलाया गया।
इस संबंध में थाना उमरावगंज जिला रायसेन में मेसर्स सोम डिस्टलरीज प्रायवेट लिमिटेड सेहतगंज जिला रायसेन तथा उनके संचालकों के विरुद्ध 15 जून को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी, जिसमें यह तथ्य भी संज्ञान में आया कि मेसर्स सोम डिस्टलरीज प्रायवेट लिमिटेड सेहतगंज जिला रायसेन की विनिर्माणी इकाई में बालक-बालिकाएं काम करते हुए पाए गए हैं तथा बच्चों के हाथों की चमड़ी गलने से उनके हाथों में संक्रमण फैल गया।