भोपाल। राम की नगरी अयोध्या में आज राममंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जा रही है।अयोध्या में राममंदिर निर्माण का भूमिपूजन से पूरा देश में उत्सव का माहौल है,वहीं मंदिर निर्माण का सपना देखने वाले कारसेवक भी आज गदगद है।
मध्य प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) राजा बाबू सिंह भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्होंने छात्र जीवन में वर्ष 1992 में अयोध्या में कारसेवक की भूमिका निभाई थी। मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के रहने वाले राजाबाबू सिंह वर्तमान में पुलिस मुख्यालय में सामुदायिक पुलिस के एडीजी हैं।
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अयोध्या में राममंदिर के भूमिपूजन पर राजाबाबू सिंह वर्ष 1992 को याद करते हुए कहते हैं कि " श्रीराम जन्मभूमि को देखने और रामलला के दर्शनों की अभिलाषा हमेशा से मन में थी। अयोध्या जाने का मौका मिला नहीं था। कारसेवा के समय अपने साथियों के साथ अयोध्या केा चल दिए क्योंकि रामजन्म भूमि और रामलला के दर्शनों की मन उठ रही हिलोरे वहां जाने के लिए मजबूर कर रही थीं। ईश्वर के प्रति अगाध आस्था हमेषा रही और उस अवसर ने प्रेरित करने का काम किया।"
राजाबाबू सिंह अकेले ऐसे आईपीएस अफसर है जो राममंदिर आंदोल में अपनी भूमिका को लेकर गौरवभाव का अनुभवत करते हुए कहते हैं कि आज नए भारत का अभ्युदय हो रहा है। वह कहते हैं कि राम मेरे लिए जीवन का आधार है और अपने कर्तव्य पाल का उर्जापुंज। इसलिए मैंने राममंदिर आंदोलन में एक कारसेवक के रूप में भाग लिया।
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भगवान राम से की थी प्रार्थना – राजाबाबू सिंह कहते हैं कि मत्था टेककर रामलला के दर्शन भी किये और उनसे प्रार्थना भी की कि आपकी कृपा से आपका यहां भव्य मंदिर बने। अब वह सपना पूरा हो रहा है जब 28 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करेंगे।
एडीजी सिंह का कहना है समूचे देशवाशियों चाहें वह किसी भी जाति या समुदाय का हो, सभी के लिए गर्व का विषय है। भारतीय संस्कृति के लिये क्लाइमेक्स का समय है, जब प्रधानमंत्री आधारशिला रखेंगे। सिंह भले ही अब प्रदेश के पुलिस महकमे के बड़े औहदे पर हो मगर आनन्दित हैं और रोमांचित भी। उनका कहना है कि आखिर ऐसा हो भी क्यों न क्योंकि उनका ही नहीं हर देशवासी का सपना जो साकार हो रहा है।