Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

GIS 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "LiFE" विजन के अनुरूप है प्रदेश की “बॉयो फ्यूल योजना-2025” : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

Advertiesment
हमें फॉलो करें Prime Minister Narendra Modi

विकास सिंह

, गुरुवार, 20 फ़रवरी 2025 (15:37 IST)
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बॉयो फ्यूल बॉयो फ्यूल योजना-2025 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के "लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट" (एलआईएफई) अभियान के मूल सिद्धांतों के अनुरूप है, जिसमें सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए जिम्मेदार उपभोग और उत्पादन पर जोर दिया गया है। यह योजना प्रदेश की कृषि शक्ति का पूर्ण लाभ उठाते हुए नवाचार को बढ़ावा देगी। प्रदेशवासियों के लिए हरित और समृद्ध भविष्य के साथ, योजना से प्रदेश में बॉयो फ्यूल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स, बॉयो ऊर्जा संयंत्र, फीड स्टॉक उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला के विभिन्न स्तरों पर व्यापक रूप से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। योजना से प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, साथ ही पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।

हरित ऊर्जा उत्पादन और रोजगार सृजन की क्रांतिकारी पहल-मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि "बॉयो फ्यूल योजना-2025" राज्य की आर्थिक समृद्धि, हरित ऊर्जा उत्पादन और रोजगार सृजन के लिए क्रांतिकारी पहल है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सतत विकास और नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयां छू रहा है। उनकी प्रेरणा से मध्यप्रदेश सरकार भी ऐसी योजनाएं बना रही है, जो दीर्घकालिक रूप से पर्यावरण के अनुकूल हों और रोजगार सृजन को बढ़ावा दें। इस योजना से प्रदेश में कृषि एवं जैव अपशिष्ट का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित होगा, जिससे पर्यावरण अनुकूल ईंधन का उत्पादन किया जा सकेगा और राज्य हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा। नवकरणीय ऊर्जा और सतत विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए "बॉयो फ्यूल योजना-2025" को मंत्रि-परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है।

बॉयो फ्यूल उत्पादन संयंत्र के लिये भूमि आवंटन सहित अनेक रियायतें-प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत बॉयो फ्यूल उत्पादन संयंत्र स्थापना के लिये भूमि आवंटन, निवेश प्रोत्साहन, आधारभूत संरचना विकास में सहायता और कर रियायतें प्रदान करने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश में स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा, किसानों को अतिरिक्त आय के साधन मिलेंगे और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। बॉयो फ्यूल यूनिट्स के लिए बुनियादी निवेश प्रोत्साहन, इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं पर अनुदान और विद्युत शुल्क में छूट जैसी अनेक सहूलियतें दी जा रही हैं, जिससे प्रदेश को जैव ईंधन उत्पादन का प्रमुख केंद्र बनाया जा सके। इस योजना के माध्यम से प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और पर्यावरण अनुकूल उद्योगों के विकास को गति मिलेगी।

बॉयो फ्यूल और ग्रीन एनर्जी में आकर्षित होंगे निवेशक-मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कि भोपाल में 24-25 फरवरी 2025 को आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में बॉयो फ्यूल योजना को प्रमुखता से प्रस्तुत किया जाएगा। समिट में देश-विदेश के निवेशक, उद्योग जगत के दिग्गज और नीति-निर्माता भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से बॉयो फ्यूल और ग्रीन एनर्जी में निवेश को आकर्षित किया जाएगा। इससे प्रदेश में सतत विकास, निवेश और रोजगार सृजन की नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।

सप्लाई चैन विकसित करने का प्रावधान-मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बॉयो फ्यूल योजना में मुख्यतः बॉयो सीएनजी, बॉयो मास ब्रिकेट एवं पेलेट और बॉयोडीजल जैसे ईंधन शामिल हैं। यह बॉयो फ्यूल उत्पादन के सभी पहलुओं को कवर करती है, जिसमें फीडस्टॉक खेती, उत्पादन तकनीक, वितरण और उपयोग जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं। योजना में बॉयो फ्यूल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट एवं बॉयो ऊर्जा संयंत्रों को कई लाभ प्रदान किए जाएंगे, साथ ही किसान संस्थाओं को कृषि उपकरण हेतु सब्सिडी, बॉयो मास एवं खाद की बिक्री सुनिश्चित करने और सप्लाई चैन विकसित करने के प्रावधान भी शामिल हैं। बॉयो फ्यूल उत्पादन संयंत्रों की स्थापना हेतु भूमि को प्रथम प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि बॉयो मास उत्पादन के लिए सरकारी भूमि का उपयोग कलेक्टर दर के 10% वार्षिक शुल्क पर प्रदान किया जाएगा।

बुनियादी निवेश प्रोत्साहन-मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि योजना के तहत बॉयो फ्यूल यूनिट को 200 करोड़ रूपये तक का बुनियादी निवेश प्रोत्साहन (बीआईपीए) उपलब्ध कराया जाएगा, साथ ही बिजली, पानी, गैस पाइप लाइन, सड़क, जल निकासी, अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली (ईटीपी, एसटीपी, प्रदूषण नियंत्रण उपकरण) के विकास हेतु 50% प्रोत्साहन (अधिकतम 5 करोड़ रूपये तक की सहायता) प्रदान की जाएगी। विद्युत शुल्क एवं ऊर्जा विकास उपकर में 10 साल तक की छूट दी जाएगी और औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा 500 करोड़ रूपये से अधिक के निवेश पर अनुकूलित पैकेज भी उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, आईपीआर एवं क्वालिटी कंट्रोल सहायता का प्रोत्साहन भी योजना में शामिल है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ओवैसी को क्यों पसंद हैं छत्रपति शिवाजी महाराज और क्यों साधा भाजपा पर निशाना