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मध्‍य प्रदेश की विकास यात्रा में सहभागी बनें उद्योगपति और निवेशक : मोहन यादव

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नर्मदापुरम , शनिवार, 7 दिसंबर 2024 (23:48 IST)
Madhya Pradesh News : मध्यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अगले 5 साल में राज्‍य सरकार का बजट दोगुना करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। उद्यमियों को प्रोत्‍साहित करने के साथ-साथ हमारी व्‍यवस्‍थाओं के बलबूते पर आईटी, टूरिज्‍म, खनन, उर्जा सहित सभी सेक्‍टर में गतिविधियों के विस्‍तार की हरसंभव कोशिश होगी। हमारा लक्ष्य है कि मध्‍यप्रदेश देश का श्रेष्‍ठतम राज्‍य बने और देश-दुनिया से निवेशक तथा उद्योग समूह हमारे प्रदेश में आकर अपनी गतिविधियों को विस्‍तार दें। हम प्रदेश के संतुलित और सामान्‍य विकास के लक्ष्‍य को लेकर चल रहे हैं। 
 
डॉ. यादव ने कहा कि कृषकों को विद्युत के लिए आत्‍मनिर्भर बनाने के उद्देश्‍य से सोलर पंप लगाने के लिए प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। प्रदेश में 52 निजी विश्‍वविद्यालय संचालित हैं। इस प्रकार सभी क्षेत्रों को समन्‍वित प्रयास से हमारा लक्ष्य है कि मध्‍यप्रदेश देश का श्रेष्‍ठतम राज्‍य बने और देश-दुनिया से निवेशक तथा उद्योग समूह हमारे प्रदेश में आकर अपनी गतिविधियों को विस्‍तार दे। इससे प्रदेश के विकास को और अधिक गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदापुरम में उद्योग व्‍यापार तथा निवेश गतिविधियों को प्रोत्‍साहन के लिए नर्मदापुरम में मप्र औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) का सर्वसुविधायुक्‍त कार्यालय का आरंभ किया जाएगा। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्‍क्‍लेव प्रदेश में कार्य संस्कृति बदलने का प्रयास है। यह कॉन्‍क्‍लेव प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए राज्‍य शासन की प्रतिबद्धता की अभिव्यक्ति है। हम प्रदेश के संतुलित और सामान्‍य विकास के लक्ष्‍य को लेकर चल रहे हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी उद्देश्य से प्रदेश में संभाग स्तर पर इंडस्‍ट्रीयल कॉन्‍क्‍लेव का क्रम आरंभ किया गया। औद्योगिक विकास के इन क्षेत्रीय समागमों में मुख्‍यमंत्री, मुख्‍य सचिव सहित राज्‍य शासन के प्रमुख अधिकारियों की सहभागिता हमारी प्रतिबद्धता, पार‍दर्शिता और जो कहा उसे तय समय-सीमा में कर दिखाने की भावना का परिचायक है।

क्षेत्रीय कॉन्‍क्‍लेव के माध्‍यम से औद्योगिक विकास की प्रक्रिया में प्रदेश के जन-जन को शामिल किया जा रहा है। उद्योग समूह और निवेशक भारत तथा मध्‍यप्रदेश की विकास यात्रा में सहभागी होने के लिए आमंत्रित हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव नए क्षितिज-नई संभावनाएं थीम पर आयोजित नर्मदापुरम में 6वें रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्‍क्‍लेव का दीप प्रज्‍ज्वलित कर शुभारंभ किया।

डॉ. यादव ने बताया कि नर्मदापुरम की इंडस्‍ट्रीयल कॉन्‍क्‍लेव में सभी सेक्‍टर मिलाकर 31 हजार 800 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं। मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने एमएसएमई प्रोत्‍साहन योजना के अंतर्गत 1200 से अधिक इकाइयों को प्रोत्‍साहन स्‍वरूप 367 करोड़ रुपए की वित्‍तीय सहायता राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की। मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम स्‍थल से प्रदेश की 82 इकाइयों का वर्चुअली भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया। कुल 2585 करोड़ रुपए निवेश की इन इकाइयों से लगभग 5800 व्‍याक्तियों को रोजगार प्राप्‍त होगा।
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मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में 98 इकाइयों को 163 एकड भूमि के लिए आशय पत्र/आवंटन आदेश जारी किए। कुल 911 करोड़ के निवेश से लगने वाली इन इकाइयों से 4 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने आद्योगिक क्षेत्र माना (बुधनी) में अधोसंरचनात्मक विकास कार्यों का वर्चुअल लोकार्पण भी किया। मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में देश की असीम पर्यटन संभावनाओं को देश-विदेश तक पहुंचाने के लिए मध्‍यप्रदेश पर्यटन विभाग और फिक्‍की के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान हुआ।

डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के युवाओं, किसानों, महिलाओं के जीवन स्‍तर में बदलाव की दिशा में रीजनल इंडस्‍ट्री कॉन्‍क्‍लेव महत्‍वपूर्ण कदम है। आज हुए कॉन्‍क्‍लेव में कई औद्योगिक इकाइयों के भूमि-पूजन और लोकार्पण संपन्‍न हुए। नर्मदापुरम में हुए इस आयोजन से संपूर्ण प्रदेश जुड़ा, एमएसएमई के लिए उद्यमियों के खातों में सहायता राशि जारी की गई, इसी प्रकार उद्योग समूहों को भी प्रोत्‍साहन प्रदान किए गए। यह इस बात का परिचायक है कि राज्‍य सरकार औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्‍साहन देने के लिए कृत-संकल्पित हैं।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व और मार्गदर्शन में वर्ष-2014 के बाद देश का परिदृष्‍य सकारात्‍मक रूप से बदला है। संपूर्ण विश्‍व में देश की विकासोन्‍मुखी आदर्श छवि निर्मित हुई है। भारत, इंग्‍लैंड को पीछे छोड़ आज विश्‍व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है। भारत विश्‍व का सबसे युवा देश और सबसे बड़ा लोकतंत्र है, प्रधानमंत्री मोदी के प्रभाव के परिणामस्‍वरूप विश्‍व के सभी देशों को भारत की व्‍यवस्‍थाओं पर भरोसा है। मध्‍यप्रदेश भी प्रगति-पथ पर निरंतर अग्रसर है।
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उन्होंने कहा कि गत 20 वर्ष में नर्मदा मैया की कृपा से प्रदेश की कृषि विकास दर लगभग 25 प्रतिशत हुई है, जो बड़ी उपलब्धि है। इस वर्ष पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) योजना पर राजस्थान के साथ समन्वित योजना पर सहमति हुई है। इसमें 70 हजार करोड़ रुपए की परियोजना पर स्‍वीकृति प्राप्‍त की है। इससे दोनों राज्‍य समन्‍वित रूप से जल का उपयोग कर सकते है। इससे चंबल और मालवा के कई जिलों में सिंचाई सुविधा, पेयजल आपूर्ति आदि के प्रबंध हो सकेंगे।

इसी प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल विहारी बाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के स्‍वप्न को साकार करते हुए केन-बेतवा परियोजना कार्य शीघ्र आरंभ किया रहा है। परियोजना के भूमि-पूजन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया गया है। यह बुंदेलखंड वासियों का जीवन बदलने की परियोजना सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्‍व में उत्‍तर प्रदेश के साथ एक लाख करोड़ की यह परियोजना क्रियान्‍वित की जाएगी। इससे बुंदेलखंड क्षेत्र के लगभग 30 जिलों को लाभ होगा।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि यह 6वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव है। उन्होंने कहा कि रीजनल कॉन्क्लेव के माध्यम के निवेशकों के लिए सकारात्मक माहौल बना है, इनके माध्यम से निवेशकों को सरकार की ओर से आश्वासन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले जब उद्योगों की बात होती थी, तब बड़े शहरों की कल्पना की जाती थी और छोटे शहर कहीं गुम हो जाते थे। सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह सोच बदली और कॉन्क्लेव के आयोजन के लिए नर्मदापुरम जैसे क्षेत्रीय स्थलों का चयन किया।

इसके द्वारा यह तय हुआ है कि उद्योगों की स्थापना के लिए स्थान की चमक नहीं बल्कि वहां की संभावनाएं और अवसर जरूरी हैं। कॉन्क्लेव में हजारों करोड़ रुपए के भूमि-पूजन और शिलान्यास इन आयोजनों को सफल बना रहे हैं। मंत्री सिंह ने कहा कि इन कॉन्क्लेव में विस्तृत प्रेजेंटेशन से निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की जाती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने विकसित भारत की कल्पना की है। हमें विकसित मध्यप्रदेश की कल्पना करना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में निवेशकों को अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
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एमएसएमई मंत्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पदभार ग्रहण करने के बाद आरआईसी की उज्जैन से शुरूआत की थी, जो विभिन्न संभागों से होते हुए नर्मदापुरम पहुंच गई है। मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

इस कॉन्क्लेव में 3000 से अधिक एमएसएमई प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिससे इसकी सफलता सुनिश्चित हुई। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को 30 दिन में सब्सिडी और अन्य लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। इस वर्ष 850 से अधिक एमएसएमई यूनिट्स को स्वीकृति दी जा चुकी है, और 1200 नई यूनिट्स को स्वीकृति देने की प्रक्रिया चल रही है। मंत्री काश्यप ने बताया कि नर्मदापुरम् आरआईसी में 48 जिलों में 367 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदान किया गया है।

मुख्‍य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंवेस्‍टमेंट समिट की संपूर्ण अवधारणा को परिवर्तित करते हुए इसे एमएसएमई के योगदान पर केन्द्रित किया है। उनका विचार है कि प्रदेश के उद्यमियों को प्रोत्‍साहित करनें को प्राथमिकता दी जाए इससे क्षेत्रीय युवाओं की उद्यमिता की क्षमता को दिशा मिलेगी और स्‍थानीय निवासियों के लिए सभी जिलों में रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकेंगे।

मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव के इस विचार के परिणामस्‍वरूप ही प्रदेश में क्षेत्रीय स्‍तर पर औद्यगिक कॉन्‍क्‍लेव का क्रम आरंभ हुआ। उन्होंने कहा कि मध्‍यप्रदेश निवेश के लिए देश का सर्वश्रेष्‍ठ राज्‍य है। यहां की भौगोलिक स्थिति, जल, विद्युत तथा भूमि की उपलब्‍धता, सुशासन आधारित प्रशासकीय व्‍यवस्‍थाएं और शांतिप्रिय वातावरण औद्योगिक गतिविधियों के विस्‍तार को अनुकूल आधार प्रदान करते हैं। प्रदेश में कौशल विकास, समन्वित नगर नियोजन को प्राथमिकता देते हुए मल्‍टी मॉडल लॉजिस्‍टिक पार्क बनाने की दिशा में भी पहल की जा रही है।
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अपर मुख्य सचिव, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री मनु श्रीवास्तव ने निवेशकों और उद्योगपतियों से मध्यप्रदेश में रोशनी का हिस्सा बनने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को पूरा करने में अन्य राज्यों के साथ मध्यप्रदेश भी अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। वर्तमान में प्रदेश मे 6 हजार मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादित की जा रही है, जिसे बढ़ाकर 55 हजार मेगावॉट तक करने का लक्ष्य रखा गया है। मध्यप्रदेश के रीवा से उत्पादित सौर ऊर्जा से दिल्ली की मेट्रो भी चल रही है।

इसी प्रकार नीमच में उत्पादित की जा रही सौर ऊर्जा से भारतीय रेल भी चल रही है। रेलवे लगभग 7 राज्यों में मध्यप्रदेश से सौर ऊर्जा ले रहा है। ओंकारेश्वर में मौजूद सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश को नया गौरव प्रदान करता है। प्रदेश, उत्तर प्रदेश के साथ 6-6 महीने की अवधि के लिए किसानों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए सोलर प्रोजेक्ट लगा रहा है। यह अपने आप में अनोखा प्रोजेक्ट है। इसमें दोनों प्रदेशों के किसानों को अल्टरनेट 6-6 महीने बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।

एसीएस श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में निवेशकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही निवेशकों के जोखिम को कम करने के भी समुचित प्रयास किए जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि शुक्रवार को सौर परियोजना नीमच के लिए हुई बिड में देश में अब तक के सबसे न्यूनतम दाम 2 रुपए 15 पैसे प्रति यूनिट प्राप्त हुए हैं। इससे हम जनता को कम दरों पर बिजली उपलब्ध करा सकेंगे। (एजेंसी)
Edited By : Chetan Gour

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