एक तरफ जहां अंतरिक्ष में नए-नए इतिहास रच रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देश के कई गांवों में अभी अंधविश्वास छाया हुआ है। भूत-प्रेतों की कई कहानियां सामने आ रही हैं। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के ब्यौहारी विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय अनहरा में सामने आया है। विद्यालय में पिछले एक हफ्ते से स्कूली छात्र-छात्राओं में पढ़ाई को छोड़ भूत-प्रेत का डर समाया हुआ है। इस डर के कारण स्कूल में छात्र आने में कतराने लगे हैं। इतना ही नहीं, शिक्षा का ज्ञान देने वाले टीचर भी स्कूल में पढ़ाई छोड़कर पूरा समय झाड़-फूंक में दे रहे हैं।
जिले के ब्यौहारी विकासखंड शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय अनहरा में छात्रों को पढ़ाई की जगह झाड़-फूंक का पाठ पढ़ाया जा रहा है। आलम यह है कि जैसे ही छात्राएं स्कूल आती हैं, वैसे ही अजीब-अजीब तरह की हरकतें करते हुए जोर-जोर से शोर मचाते हुए हाथ-पैर पटकती हैं। ऐसा एक-दो नहीं बल्कि कई छात्राएं कर रही हैं। स्कूल आते ही छात्राओं की इस तरह डरावनी हरकतों से स्कूली छात्रों के साथ-साथ शिक्षक व पूरा गांव दहशत में जी रहा है।
विद्यालय में इतना डर है कि छात्राओं को क्लास के अंदर न बैठाकर स्कूल परिसर के आंगन में बिठाया जाता है। शिक्षक पढ़ाई की जगह विद्यालय में गुनिया (तांत्रिक) को बुलाकर झाड़-फूंक करवा रहे हैं। दूरदराज से लोग इस भूतों के स्कूल का नजारा देखने पहुंच रहे हैं। स्कूल के हेड मास्टर का कहना है कि स्कूल में हो रही इस घटना से न केवल छात्र भयभीत हैं बल्कि शिक्षक व बच्चों के परिजन भी डरे हुए हैं।
मामले की जानकारी जिला मुख्यालय में अधिकारियों को दी गई है। मनोचिकित्सक की मांग भी की गई है। संयुक्त संचालक शिक्षा का कहना है कि इस तरह की घटना समझ के परे है, फिर भी मामले में जांच करवाई जाएगी। शिक्षा विभाग की ओर से भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो ये अंधविश्वास न केवल स्कूल बल्कि आसपास के गांव में भी अपने जड़ें मजबूत करेगा।