University strike in Madhya Pradesh:मध्यप्रदेश में परीक्षाओं के ठीक समय 8 बड़ी यूनिवर्सिटी के शिक्षक,अधिकारी और कर्मचारियों की हड़ताल के कारण लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। प्रदेश के 8 बड़ी सरकारी यूनिवर्सिटी के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कई यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं स्थगित गई है। हड़ताल के चलते एकेडमिक कैलेंडर के लेट होने की आंशका बढ़ गई है।
प्रदेश के 8 बड़ी यूनिवर्सिटी के अधिकारी, कर्मचारी की हड़ताल के चलते रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में परीक्षाएं स्थगित करने की घोषणा कर दी गई है। राजधानी भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने 14 जून से शुरु होने वाली यूजी और पीजी की परीक्षाएं आगामी आदेश तक स्थगित कर दी है। वहीं यूनिवर्सिटी ने यूटीडी के सभी प्रोग्राम्स की परीक्षाएं स्थगित कर दी थीं। वहीं जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की 3, 5 और 6 जून को आयोजित होने वाली समस्त परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है।
क्यों हो रही हड़ताल?-प्रदेश में चुनावी साल में प्रदेश की आठ यूनिवर्सिटी के कर्मचारी आज से काम बंद हड़ताल कर रहे है। यूनिवर्सिटी के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारी सातवें वेतनमान के साथ पेंशन का भुगतान करने, पुरानी पेंशन योजना की बहाली समेत 9 सूत्रीय मांगों को हड़ताल पर है। मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय संयुक्त संघर्ष समिति के सचिव लखन सिंह परमार के मुताबिक उनकी मांगों में सातवें वेतनमान से पेंशन एवं डीए का भुगतान किया जाए। साथ ही स्थाई कर्मचारियों का वेतन भुगतान एवं स्थाई कर्मचारियों का नियमितीकरण करते हुए मेडिक्लेम योजना तत्काल लागू की जाए।
कमलनाथ ने सरकार पर बोला हमला-यूनिवर्सिटी की हड़ताल के चलते लाखों बच्चों की परीक्षा प्रभावित होने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष औ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर हमला बोला है। कमलनाथ ने ट्विटर कर लिखा कि “मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तमाशेबाजी में व्यस्त हैं और पूरा प्रदेश हड़तालों का प्रदेश बनता जा रहा है। शिक्षकों और कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रदेश की प्रमुख यूनिवर्सिटियों में परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी हैं। यह लाखों छात्रों के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। प्रदेश में संविदा कर्मचारी, सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, शिक्षक, चिकित्सक, नर्स और जो भी विभाग हैं, उन सब में आए दिन हड़ताल हो रही हैं। इन हड़तालों का मुख्य कारण शिवराज सरकार का कुशासन और कर्मचारी विरोधी रवैया है। पहले अधिकारी-कर्मचारियों से झूठे वादे कर देना और बाद में उन से मुकर जाना, शिवराज सरकार का नेचर और सिग्नेचर बन गया है। इस बदनीयत के कारण खरीद-फरोख्त की सरकार को जनता आप स्ट्रेचर पर लाने वाली है”।