भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने आज राज्यों को निर्देश दिए है कि वह 10 दिन के अंदर अंतरिम मूल्याकंन नीति बनाकर 31 जुलाई तक 12 वीं बोर्ड के नतीजे घोषित कर दें। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा मंडल में सरगर्मी बढ़ गई है। दरअसल मध्यप्रदेश 12 वीं बोर्ड का रिजल्ट किस फॉर्मूले के तहत घोषित किया जाए इसको लेकर पेंच फंस गया है।
रिजल्ट के फॉर्मूले को तैयार करने के लिए बनाई गई समिति अब तक किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। अब तक रिजल्ट को लेकर कोई फॉर्मूला नहीं तैयार होने के चलते 12वीं बोर्ड के रिजल्ट में लगातार देरी भी हो रही है।
12 वीं बोर्ड के रिजल्ट का फॉर्मूला तैयार करने में सबसे बड़ी परेशानी कोरोना के चलते पिछले साल 11वीं के स्टूडेंट को दिया गया जनरल प्रमोशन है। 11 वीं के स्टूडेंट्स के जनरल प्रमोशन के चलते एमपी बोर्ड सीबीएसई के फॉर्मूले को भी नहीं अपना पा रहा है। बोर्ड रिजल्ट के फॉर्मूले को लेकर बोर्ड किस कदर उलझा हुआ है इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अब तक एक दर्जन बैठकें हो चुकी है लेकिन नतीजा शून्य है।
वहीं माशिमं से जुड़े सूत्र बताते हैं कि बोर्ड वेट एंड वॉच की स्थिति में भी है। बोर्ड CBSE के 12 वीं बोर्ड के रिजल्ट का इंतजार कर रहा है। इसका कारण इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज के एडिमशन और एंट्रैंस एग्जाम में 12 वीं बोर्ड के रिजल्ट मूल्यांकन होना है।
प्रदेश के बच्चों को हायर एजुकेशन में दिक्कत न हो इसके लिए बोर्ड फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रहा था।ऐसे आज जब सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य 31 जुलाई तक बोर्ड के नतीजे घोषित करने का आदेश दे दिया है तो अब विभाग को जल्द ही कोई फॉर्मूला तैयार करना होगा।