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मध्‍यप्रदेश में ट्रांसफर में धांधली, नियमों के खिलाफ भेजे गए ट्रांसफर लेटर, प्रदेश में बड़ी संख्‍या में कर्मचारी परेशान

मध्‍यप्रदेश सरकार की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे बिचौलिये

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 19 जून 2025 (13:12 IST)
  • अलीराजपुर आयुक्त को तो आदेश जारी करना पड़ा कि नियम खिलाफ किए गए ट्रांसफर निरस्‍त माने जाए
  • कई विभागों के ट्रांसफर नियमों के बिंदू 22, 23 और 24 का जमकर हो रहा उल्लघंन
मध्‍यप्रदेश में कई विभागों में ट्रांसफर का दौर चल रहा है, ऐसे में ट्रांसफर नीति के नियमों के खिलाफ जाकर ट्रांसफर के आदेश जारी करने की भी खबरें आ रहीं हैं। वेबदुनिया के सूत्रों के मुताबिक कई विभागों के लिए शासन द्वारा ट्रांसफर की खबरें आने के बाद इसे लेकर संबंधित विभाग और विभागों से जुड़े कई बिचौलिये सक्रिय हो गए हैं।

वहीं, दूसरी तरफ नियमों के खिलाफ जाकर ट्रांसफर के कई ऐसे भी आदेश जारी किए जा रहे हैं जो गलत हैं। मसलन, जिनकी सेवाएं कुछ ही महीनों की बची हैं, उन्‍हें भी ट्रांसफर सूची में शामिल किया जा रहा है। तो कई ऐसे पति- पत्‍नी कर्मचारी हैं, जिन्‍हें अलग- अलग मुख्‍यालयों पर भेजा जा रहा है। ऐसे में बड़ी संख्‍या में प्रदेशभर के कई जिलों में कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं। वेबदुनिया ने जब अपने सूत्रों से इस बारे में पड़ताल की तो कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें ट्रांसफर को लेकर अनियमितता की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इन धांधलियों के जरिये सीएम डॉ मोहन यादव की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।

आयुक्‍त नहीं उठा रहे फोन : इस संबंध में वेबदुनिया ने आदिम जाति विभाग के आयुक्‍त श्रीमन शुक्‍ल से चर्चा करना चाही, उन्‍हें उनके मोबाइल नंबर पर तीन बार कॉल किया गया, लेकिन उन्‍होंने फोन रिसीव नहीं किया। न ही उन्‍होंने कॉल बैक किया। अधिकारियों द्वारा फोन उठाकर चर्चा नहीं करने से ऐसे मामलों में स्‍थिति स्‍पष्‍ट नहीं हो पा रही है और ही कर्मचारियों के अंदेशे दूर हो पा रहे हैं।  
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क्‍या कहता है नियम : मध्‍यप्रदेश शासन की ट्रांसफर नीति में दिए गए विवरण के मुताबिक बिंदू क्रमांक 22 में लिखा है कि राज्‍य और जिला स्‍तर पर ऐसे कर्मचारियों के ट्रांसफर नहीं किए जा सकते हैं, जिनकी सेवा निवृत्‍ति में एक साल या उससे कम का समय बचा है। इसके साथ ही बिंदू क्रमांक 23 यह कहता है कि अगर पति-पत्‍नी दोनों एक ही स्‍थान या केंद्र पर नौकरी कर रहे हैं तो उन्‍हें ट्रांसफर कर के दूसरे जिलों में नहीं भेजा जा सकता है। इसके साथ ही अगर कोई कर्मचारी कैंसर, किडनी, डायलिसिस, हार्ट सर्जरी आदि गंभीर बीमारियों से ग्रस्‍त है और यदि उनके केंद्र या कार्यालय वाले शहरों या ग्रामीण क्षेत्रों में इन बीमारियों के इलाज और जांच आदि की सुविधा न हो तो वे ऐसे स्‍थानों पर अपना ट्रांसफर करवा सकते हैं जहां उन्‍हें इलाज और जांच की सुविधाएं मिले।

कैसे हो रहा नियमों का उल्‍ल्‍घंन : हालांकि नियमों को ताक में रखकर इस बार ट्रांसफर में कई तरह की धांधलियों की जा रही हैं। इस वर्ष नीति मे उल्लेखित प्रमुख प्रावधान 22, 23 और 24 का जमकर उल्लघंन किया जा रहा है। जनजातीय कार्य विभाग मे तो अलीराजपुर सहायक आयुक्त द्वारा इस बाबत आदेश जारी करना पडा कि नियमों के खिलाफ आदेश होने पर रिलीव नहीं किया जाए। इस आदेश में यह भी कहा गया कि जिनकी सेवानिवृत्त में एक साल से कम समय बचा है ऐसे आदेशों को निरस्त माना जाए।

सीएम की छवि खराब करने की कोशिश : बता दें कि ट्रांसफर को लेकर मध्‍यप्रदेश सरकार की नीति बिल्‍कुल पारदर्शी है, लेकिन कुछ विभाग और विभाग के बाहर सक्रिय हुए बिचौलिये सीएम की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि सीएम ने ट्रांसफर को लेकर किसी भी तरह की अनियमितता नहीं बरतने के सख्‍त आदेश दे रखे हैं, लेकिन कुछ लोग नियमों के खिलाफ जाकर सीएम की छवि खराब कर रहे हैं।
रिपोर्ट : नवीन रांगियाल

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