भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा ने नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर इंतजार अब खत्म होने वाला है। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते है कि अब प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया कभी भी शुरु हो सकती है। वहीं अगर भाजपा अध्यक्ष के दौड़ में बात करें तो पूर्व सांसद और भाजपा विधायक हेमंत खंडेलवाल औऱ आदिवासी वर्ग से आने वाले खरगौन सांसद गजेंद्र पटेल का नाम सबसे आगे है। वहीं इसके साथ पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व किसी नए चेहरे पर दांव लगाकर एक बार फिर सबको चौंका सकता है।
मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के होने के चलते इस बात की संभावना अधिक है कि सामान्य वर्ग या एससी वर्ग से आने वाले किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी। ऐसे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए सामान्य वर्ग से दावेदारों को देखे तो पूर्व सांसद और भाजपा विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम सबसे आगे है। कुशल संगठनकर्ता और संघ के करीबी होने के साथ विवादों से दूर हेमंत खंडेलवाल के नाम अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे है।
वहीं खरगौन-बड़वानी से सांसद और एसटी वर्ग के बड़े चेहरे गजेंद्र पटेल भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में आगे है। आदिवासी वर्ग के बड़े चेहरे के रूप में पहचाने जाने वाले गजेंद्र पटेल शुक्रवार को भोपाल में एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ मंच साझा भी करते नजर आए। गजेंद्र पटेल की आदिवासी क्षेत्रों में काफी सक्रियता और केंद्रीय नेतृत्व की गुडबुक में शामिल होने के चलते उन्हें मौका मिल सकता है।
जातीय समीकरण को साधने की कवायद- भाजपा की शीर्ष नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष के जरिए प्रदेश में जातीय समीकरण को साध सकता है। मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और ब्राह्म्ण वर्ग से डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और एससी वर्ग से डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा होने के चलते इस बात की संभावना अधिक है कि सामान्य वर्ग या आदिवासी वर्ग से आने वाले किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी।
नए चेहरे के साथ चौंका सकती है भाजपा?- मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व किसी नए चेहरे पर दांव लगाकर एक बार फिर चौंका सकती है। विधानसभा चुनाव के बाद जिस तरह से पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सभी दिग्गज चेहरों को दरकिनार कर चौंकाने वाला फैसला करते हुए डॉ. मोहन यादव के नाम पर मोहर लगाई थी वैसा ही प्रयोग अगर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में कोई चौंकाने वाला फैसला कर सकती है।
इस बीच पिछले दिनों भोपाल आए गृहमंत्री अमित शाह से साथ सूबे के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की मुलाकात की तस्वीरों ने भी सियासी अटकलों को तेज कर दिया है। पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भले ही विधानसभा चुनाव दतिया से हार गए हो लेकिन वह भोपाल से लेकर दिल्ली तक सक्रिय है। उनकी गिनती अमित शाह के करीबियों में होती है और पिछले दिनों भाजपा की न्यू ज्वाइनिंग टोली के प्रमुख के तौर पर उन्होंने कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को भाजपा में शामिल कराके अपनी संगठनात्मक क्षमता का परिचय दिया।