भोपाल। मध्यप्रदेश सहित देश के 12 राज्यों में चुनाव आयोग की ओर से कराए जा रहे SIR को लेकर इन दिनों जबरदस्त गहमागहमी देखने को मिल रही है। लोगों मं SIR की प्रक्रिया को लेकर उत्सुकता और कन्फूयजन को माहौल देखने को मिल रहा है। वही्ं फॉर्म नहीं भर पाने के चलते वोटर लिस्ट से नाम कटने का डर भी लोगों में साफ दिखाई दे रहा है। 'वेबदुनिया' ने कई लोगों से चर्चा कर SIR फॉर्म भरने वाली कठिनााईयों के बारे में चर्चा की।
पति-पत्नी के फॉर्म अलग-अलग BLO के पास-SIR से जुड़ा फॉर्म भरने के लिए भोपाल निवासी अंकिता जब बीएलओ के पास पहुंची थी तो एपिक नंबर के आधार पर जब BLO ने फॉर्म चेक किया गया तो उनका फॉर्म तो मिल गया लेकिन उनके पति का फॉर्म नहीं मिला। जबकि उनके पास उनका और उनके पति का वोटर आईडी कार्ड एक ही पते पर बना हुआ है। इसको लेकर जब उन्होंने बीएलओ से बात की तो उन्होंने पूरा ठीकरा कलेक्ट्रेट दफ्तर पर फोड़ दिया। ऐसे में अंकिता को अपने पति के फॉर्म के लिए दुसरे बीएलओ के पास जाना पड़ा और फॉर्म हासिल करना पड़ा।
वहीं BLO के पास पहुंची प्रियंका ने बताया कि उनके पति जो प्राइवेट नौकरी करते है और अभी भोपाल के बाहर है, उनका फॉर्म नहीं मिल रहा है, इसके लिए वह अब तक कई बीएलओ के पास जा चुकी है। उनके पति के वोटर आईडी कार्ड पर लिखे एपिक नंबर से भी फॉर्म सर्च नहीं हो रहा है। ऐसे प्रियंका को अपने पति का नाम वोटर लिस्ट से कटने का डर सता रहा है।
BLO का घर-घर संपर्क नहीं- 'वेबदुनिया' ने जब-जब भोपाल की अलग-अलग कॉलोनियाों में पहुंचकर SIR की प्रक्रिया को लेकर लोगों से चर्चा की तो लोगों ने साफ कहा कि बीएलओ घर-घर आकर न तो फॉर्म दे रहे है और न कलेक्ट कर रहे है। हलाांकि लोग यह जरूर स्वीकार करते है कि बीएलओ कॉलोनिया में अलग-अलग समय पर पहुंच रहे है और लोगों को फॉर्म उपलब्ध करवा रहे है। इसके साथ बीएलओ प्रपत्र से जुड़ी कोई खास जानकारी मतदाताओं के बीच साझा नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते मतदाताओं में प्रपत्र भरने में कठिनाई आ रही है। वहीं बीएलओ गणना प्रपत्र लेने वालों को दो टूक शब्दों में कह रहे है कि अगर उनका फॉर्म नहीं भरा गया तो उनका नाम वोटर लिस्ट से कट जाएगा।
जब बीएलओ से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर अपने कठिनाईयों को बताया। लोगों का फॉर्म लेकर जाने के बाद जमा करने नहीं आना काम पूरा करने में सबसे बड़ी चुनौती है। वहीं अलग-अलग कॉलोनियो में पहुंचने के बाद जमाा हुए फॉर्म की ऑनलाइन एंट्री करना बड़ी चुनौती है।
वहीं दूसरी ओर बीएलओ को कार्य में सहयोग प्रदान करने के लिए 2 से 3 सदस्यों की टीम लगाई गई है। इनमें ऐसे सरकारी कर्मचारी शामिल हैं जिन्हें क्षेत्र और वहां के निवासियों की बेहतर जानकारी हो, जैसे पटवारी, पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक आदि। इसके साथ ही गणना पत्रकों के डिजिटाइजेशन के लिए कंप्यूटर ऑपरेटरों की अलग टीम भी तैनात की गई है जो फर्मों को ऑनलाइन भर रहे है।
2003 की वोटर लिस्ट में नाम ढूंढना चुनौती- 'वेबदुनिया' से चर्चा में भोपाल में रहने वाले अरुण बताते है कि उनके पिता सरकारी कर्मचारी थे और उनकी पोस्टिंग अलग-अलग जगह थी, ऐसे में 2003 की वोटर लिस्ट को ढूंढना एक बड़ी चुनौती है। वहीं एक शहर से दूसरे शहर माइग्रेंट किए लोगों के लिए 2003 की वोटर लिस्ट की जानकारी एकत्र करना बड़ी चुनौती है।
SIR फॉर्म वर्ष 2023 की मतदाता सूची के भाग संख्या व क्रमांक आदि कुछ परिवार से जुड़ी सूचनाएं भरने में सबसे अधिक समस्या आ रही है। गणना प्रपत्र में वर्तमान सूचनाओं के अलावा परिवार से जुड़ी सूचनाएं, पिछली 2023 की मतदाता सूची सूची के भाग संख्या व क्रमांक आदि का भी उल्लेख करना है।
वहीं चुनाव आयोग की वेबसाइट जहां पर 2003 की वोटर लिस्ट अपलोड वहां पर हिंदी में पोलिंग स्टेशन के नाम होना लोगों के सर्च में एक बड़ी चुनौती है। वहीं बीएलओ के पास पहुंचने वाले लोग दस्तावेजों को लेकर कई तरह के सवाल जवाब कर रहे है।
दस्तावेजों पर चुनाव आयोग के नियम-वहीं चुनाव आय़ोग ने साफ किया हैा कि Enumeration Phase के दौरान किसी भी मतदाता को अनावश्यक कागज़ी प्रक्रिया या दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता न पड़े। इसी उद्देश्य से आयोग ने निम्नलिखित नियम अनिवार्य रूप से लागू किए हैं:
1. Enumeration Phase में किसी भी मतदाता से कोई भी दस्तावेज़ (जैसे जन्म प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण, पहचान पत्र आदि) नहीं लिया जाएगा। BLO का कार्य केवल घर–घर जाकर भौतिक उपस्थिति की पुष्टि करना और उपलब्ध जानकारी को फॉर्म में दर्ज करना है।
2.ERO द्वारा दस्तावेज़ केवल तभी माँगे जाएंगे जब Draft Roll प्रकाशित होने के बाद किसी मतदाता की उपलब्ध जानकारी, Declaration या Enumeration Form या डेटाबेस से मेल न खाती हो।
3.जिन मतदाताओं या उनके माता–पिता का नाम राज्य की अंतिम Intensive Revision सूची (2003 या उससे पहले) में दर्ज है, ऐसे सभी मतदाताओं को Pre-validated पूर्व-सत्यापित माना गया है। ऐसे मतदाताओं से BLO द्वारा किसी भी प्रकार के प्रमाण–पत्र या दस्तावेज़ की माँग नहीं की जाएगी। BLO केवल वर्तमान निवास की पुष्टि करेगा। आयोग का उद्देश्य नागरिकों को सरलीकृत, सुगम और भरोसेमंद प्रक्रिया उपलब्ध कराना है, ताकि कोई भी पात्र मतदाता दस्तावेज़ों की कमी, भ्रम या अनावश्यक औपचारिकताओं के कारण मतदाता सूची से बाहर न रह जाए।