Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कृष्ण ने दुर्योधन को अंत में बताया था उसकी हार का मुख्‍य कारण

हमें फॉलो करें shri krishana

अनिरुद्ध जोशी

भीम ने दुर्योधन की जंघा उतार दी थी। वह खून में लथपथ होकर रणभूमि पर गिरा हुआ था। बस, कुछ ही समय में दम तोड़ने वाला था लेकिन भूमि पर गिरे हुए ही उसने श्रीकृष्ण की ओर देखते हुए अपने हाथ की तीन अंगुलियों को बार-बार उठाकर कुछ बताने का प्रयास किया। पीड़ा के कारण उसके मुंह से आवाज धीमी धीमी ही निकल रही थी।
 
 
ऐसे में श्रीकृष्ण उसके पास गए और कहने लगे कि क्या तुम कुछ कहना चाहते हो? तब उसने कहा कि उसने महाभारत के युद्ध के दौरान तीन गलतियां की हैं, इन्हीं गलतियों के कारण वह युद्ध नहीं जीत सका और उसका यह हाल हुआ है। यदि वह पहले ही इन गलतियों को पहचान लेता, तो आज जीत का ताज उसके सिर होता। 
 
श्रीकृष्ण ने सहजता से दुर्योधन से उसकी उन तीन गलतियों के बारे में पूछा तो उसने बताया, पहली गलती यह थी कि उसने स्वयं नारायण के स्थान पर उनकी नारायणी सेना को चुना। यदि नारायण युद्ध में कौरवों के पक्ष में होते, तो आज परिणाम कुछ और ही होता। 
 
दूसरी गलती उसने यह बताई की कि अपनी माता के लाख कहने पर भी वह उनके सामने पेड़ के पत्तों से बना लंगोट पहनकर गया। यदि वह नग्नावस्था में जाता, तो आज उसे कोई भी योद्धा परास्त नहीं कर सकता था। 
 
तीसरी और अंतीम गलती उसने की थी वो थी युद्ध में आखिर में जाने की भूल। यदि वह पहले ही जाता तो कई बातों को समझ सकता था और शायद उसके भाई और मित्रों की जान बच जाती। 
 
श्रीकृष्ण ने विनम्रता से दुर्योधन की यह सारी बात सुनी, फिर उन्होंने उससे कहा, 'तुम्हारी हार का मुख्य कारण तुम्हारा अधर्मी व्यवहार और अपनी ही कुलवधू का वस्त्राहरण करवाना था। तुमने स्वतयं अपने कर्मों से अपना भाग्य लिखा।'.... श्रीकृष्ण के कहने का तात्पर्य यह था कि तुम अपनी इन तीन गललियों के कारण नहीं हारे बल्कि तुम अधर्मी हो इसलिए हारे। यह सुनकर दुर्योधन को अपनी असली गलती का अहसास हो गया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

स्वर्ग के रास्ते में पांच पांडवों में से कब, कौन, किस पाप के कारण नीचे गिरा, जानिए