Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शकुनि मामा के यदि ये 2 प्रयास सफल हो जाते तो नहीं होती महाभारत

हमें फॉलो करें शकुनि मामा के यदि ये 2 प्रयास सफल हो जाते तो नहीं होती महाभारत

अनिरुद्ध जोशी

, बुधवार, 25 मार्च 2020 (19:36 IST)
महाभारत की गाथा में कौरवों के मामाश्री शकुनि को अपनी कुटिल बुद्धि के लिए विख्‍यात माना जाता है। छल, कपट और दुष्कृत्यों में माहिर शकुनि ने युद्ध तक पांडवों के विनाश के लिए कई चालें चली। कहते हैं कि इन्हीं चालों के कारण पांडवों के जीवन में उथल पुथल रही और अंतत: युद्ध की नौबत आ गई। शकुनि ने यूं तो जंगल में पांडवों को मरने की कई योजनाएं बनाई थीं लेकिन उसके 2 प्रसिद्ध प्रयास असफल हो गए थे।
 
 
1.पहला प्रयास- शकुनि के कहने पर दुर्योधन ने भीम को भोजन में कालकूट जहर देकर गंगा नदी में फेंक दिया था। अन्य पांडवों को इसका भान भी हो पाया था। भीम बेहोश अवस्था में ही गंगा के भीतर स्थित नागलोक जा पहुंचता है। वहां उसे उसके नाना अर्यक के कहने पर वासुकि नाग उसे बचाकर उसमें दस हजार हाथियों का बल भर देते हैं। भीम को फिर वे गंगा तट पर छोड़कर चले जाते हैं। इस तरह भीम बच जाते हैं।
 
 
2.दूसरा प्रयास- जब धृतराष्ट्र ने युधिष्ठिर को हस्तिनापुर का युवराज घोषित किया। तब शकुनि ने पांचों पांडवों को मारने की योजना बनाई। उसने पांचों पांडवों को धृतराष्ट्र पर दबाव डालकर वारणावत भेज दिया जहां लाक्षागृह में आग लगाकर पांडवों को जिंदा जला कर मारने की योजना बनाई। लेकिन एन वक्त पर महात्मा विदुर ने पांडवों को गुप्त संदेश भिजवाया और सभी पांडव जलकर मरने से बच गए। कुछ समय जंगल में रहने के बाद वे उचित समय पर पुन: प्रकट हुए। जंगल में जहां भीम ने हिडिंबा से विवाह किया, वहीं पांचों पांडवों ने द्रौपदी से विवाह भी किया।
 
 
जब शकुनि और दुर्योधन पांडवों को मारने में असफल रहे तब उन्होंने नई योजना बनाई। पांडवों को चौरस के खेल में हाराकर उन्हें वनवास भेजने की योजना पर काम कया गया।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गुरुवार, 26 मार्च 2020 : आज इन 3 राशि वालों के नए कार्य बनने के योग