मुंबई/ चंडीगढ़। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान सोमवार को होगा। भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियां दोनों ही राज्यों में सत्ता बरकरार रखने के लिए प्रयासरत हैं, जबकि विपक्षी दल सत्ता विरोधी लहर का लाभ उठाते हुए इसे अपने पक्ष में करने के प्रयास में है। इसके साथ ही देश के 18 राज्यों की 51 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव होगा।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा की अगुवाई वाले महागठबंधन अथवा 'महायुति' एवं कांग्रेस राकांपा गठबंधन अथवा 'महा अघाड़ी' (मोर्चा) के बीच है। इस चुनाव में 4,28,43,635 महिला मतदाताओं सहित कुल 8,98,39,600 मतदाता मतदान के लिए योग्य हैं। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 235 महिलाओं समेत 3,237 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। मतदान के लिए 96,661 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिन पर साढ़े 6 लाख कर्मचारी तैनात किए गए हैं। हरियाणा में सत्ताधारी भाजपा का मुकाबला विपक्षी कांग्रेस और नई पार्टी ‘जजपा’ के साथ है। राज्य में विधानसभा की 90 सीटें हैं। हरियाणा में 1.83 करोड़ से अधिक मतदाता हैं जिसमें 85 लाख महिलाएं और 252 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं।
राज्य में 19,578 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा। महाराष्ट्र में राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों के 3 लाख से अधिक कर्मियों की तैनाती करके सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जबकि हरियाणा में 75,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं। मतगणना 24 अक्टूबर को होगी। भाजपा द्वारा किए गए चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनके कैबिनेट सहयोगियों अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। भाजपा नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान विशेष रूप से जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करते हुए राष्ट्रवाद के मुद्दे को उठाया और विपक्ष को राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार को लेकर निशाना बनाया।
विपक्ष ने केंद्र और राज्यों में भाजपा की सरकारों को अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर घेरने का प्रयास किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी के लिए सत्तारुढ़ दल को दोषी ठहराया और नोटबंदी की विफलता और जीएसटी जैसे मुद्दों को रेखांकित करने का प्रयास किया। महाराष्ट्र में भाजपा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए प्रयासरत है। भाजपा 164 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिसमें उसके कमल के निशान पर चुनाव लड़ने वाले छोटे सहयोगी दलों के उम्मीदवार शामिल हैं। वहीं शिवसेना ने 126 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस ने 147 और सहयोगी राकांपा ने 121 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। अन्य दलों में, राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने 101 उम्मीदवार, भाकपा ने 16, माकपा ने 8 उम्मीदवार उतारे हैं।
बसपा ने 262 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कुल 1400 निर्दलीय भी चुनाव मैदान में हैं। हालांकि विपक्ष का प्रचार अभियान फीका रहा क्योंकि कांग्रेस और राकांपा दोनों अंदरुनी खींचतान और चुनावों से पहले नेताओं के पार्टी छोड़ने से प्रभावित थीं। सतारा लोकसभा सीट के लिए भी उपचुनाव 21 अक्टूबर को होगा। राकांपा के पूर्व नेता और मौजूदा सांसद उदयनराजे भोसले भाजपा के टिकट पर कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के श्रीनिवास पाटिल के खिलाफ मैदान में हैं। समस्तीपुर (बिहार) लोकसभा सीट के लिए भी उपचुनाव होगा जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की घटक एवं रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोकजनशक्ति पार्टी के पास थी। महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राकांपा प्रमुख शरद पवार द्वारा एक-दूसरे पर निजी हमले किए गए।
79 वर्षीय पवार ने कई रैलियों को संबोधित किया। हालांकि कांग्रेस और राकांपा एक भी संयुक्त रैली आयोजित करने में विफल रहीं। मोदी ने जहां पूरे राज्य में 9 रैलियों को संबोधित किया, वहीं राहुल गांधी ने 6 जनसभाएं कीं। इस प्रचार अभियान में भाजपा और शिवसेना के बीच वर्चस्व के लिए जद्दोजहद देखने को मिली। भाजपा और शिवसेना ने पिछला विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था और क्रमशः 122 और 63 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को 42 और राकांपा को 41 सीटें मिली थीं। अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 41 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने एक और राकांपा ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
चुनाव मैदान में प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री फडणवीस और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण शामिल हैं। वहीं कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण सतारा जिले के कराद दक्षिण से चुनाव मैदान में हैं। उद्धव ठाकरे के पुत्र एवं युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे मुंबई के वर्ली से चुनाव लड़ रहे हैं। ठाकरे परिवार से चुनावी राजनीति में कदम रखने वाले 29 वर्षीय आदित्य पहले व्यक्ति हैं। हरियाणा में कांग्रेस सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। हरियाणा में कांग्रेस ने अपना प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया है। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा ने 90 में से 75 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। प्रदेश में विभिन्न राजनीतिक दलों के 1,169 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। वर्तमान में राज्य विधानसभा में भाजपा के 48 सदस्य हैं।
इनेलो से टूटकर बनी दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी (जजपा) भी लोकसभा में हार के बाद अपनी संभावनाओं में सुधार की उम्मीद कर रही है। बसपा, आप, इनेलो, शिअद गठबंधन, स्वराज इंडिया और लोकतांत्रिक सुरक्षा पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे हैं। हालांकि इनमें से कोई भी सभी 90 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रहा। चुनाव लड़ रहे प्रमुख उम्मीदवारों में खट्टर (करनाल), पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (गढ़ी सांपला किलोई), रणदीप सिंह सुरजेवाला (कैथल), किरण चौधरी (तोशाम) और कुलदीप विश्नोई (आदमपुर) और जजपा के दुष्यंत चौटाला (उचना कलां) शामिल हैं।
भाजपा ने 3 खिलाड़ियों को मैदान में उतारा है, जिसमें बबीता फोगाट (दादरी), योगेश्वर दत्त (सोनीपत में बरोडा) और संदीप सिंह (पेहोवा) शामिल हैं। वहीं भाजपा ने टिक टॉक स्टार सोनाली फोगाट को (आदमपुर) से चुनाव मैदान में उतारा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में 7 रैलियों को संबोधित किया, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2 चुनावी रैलियों को संबोधित किया। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 47 सीटें जीतकर पहली बार सत्ता में आई थी। भाजपा ने इस वर्ष पहले हुए जींद उपचुनाव भी जीत लिया था जिससे उसकी सीटों की संख्या बढ़कर 48 हो गई थी। इनेलो के 19 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 17 विधायक हैं। पिछले विधानासभा चुनाव में बसपा और शिअद ने एक-एक सीटें जबकि 5 सीटें निर्दलीयों ने जीती थीं।
17 राज्यों की 51 विधानसभा सीटों पर होगा उपचुनाव : 17 राज्यों की 51 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होगा। भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास इनमें से करीब 30 सीटें हैं जबकि कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं और बाकी क्षेत्रीय दलों के पास गई थीं। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश की 11 सीटों, गुजरात की 6 सीटों, बिहार की 5, असम की 4 और हिमाचल प्रदेश तथा तमिलनाडु की दो-दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा। अन्य राज्यों जहां उपचुनाव होगा उनमें पंजाब की 4 सीटें, केरल की 5, सिक्किम की 3, राजस्थान की 2 और अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, मेघालय और तेलंगाना की एक-एक विधानसभा सीटें शामिल होंगी। उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबले की संभावना है क्योंकि भाजपा, बसपा, सपा और कांग्रेस ने सभी 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
पूर्व में इन सीटों में से 8 सीटें भाजपा और एक सीट भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास थीं। कांग्रेस राजस्थान में भाजपा और उसके सहयोगी दल आरएलपी से 2 सीटें झटककर अपने बहुमत को मजबूत करने की उम्मीद कर रही है। राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के पास 106 सीटें हैं, जिसमें वे 6 विधायक शामिल हैं जो हाल ही में बसपा छोड़कर उसमें शामिल हुए थे। तमिलनाडु की विक्रवांदी और की नंगुनेरी विधानसभा सीटों पर अन्नाद्रमुक और द्रमुक के बीच रोचक मुकाबला है। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग पोकलोक कामरान विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जो कि उन 3 सीटों में से एक है, जहां राज्य में उपचुनाव हो रहा है।
तमांग अका गोलाय सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के अध्यक्ष हैं जिसने भाजपा के साथ गठबंधन किया है। भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया गंगटोक से हमरो सिक्किम पार्टी (एचएसपी) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। छत्तसीगढ़ की नक्सल प्रभावित बस्तर जिले की चित्रकूट (सुरक्षित) विधानसभा सीट पर भी सोमवार को ही मतदान होगा। इस सीट पर 6 उम्मीदवार मैदान में हैं। यह सीट कांग्रेस विधायक दीपक बैज के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई थी।