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फैज की नज्म पढ़ी तो अभिनेता की पत्नी पर हो गया मुकदमा, आयोजक भी नप गए

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नागपुर , मंगलवार, 20 मई 2025 (23:43 IST)
महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में पाकिस्तानी कवि फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे' पढ़ने पर पुलिस ने दिवंगत अभिनेता एवं कार्यकर्ता वीरा साथीदार की पत्नी पुष्पा सहित 3 लोगों के खिलाफ भारत की एकता और अखंडता को खतरे में डालने और शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि उसने 13 मई को नागपुर में वीरा साथीदार की स्मृति में आयोजित विवादास्पद कार्यक्रम से जुड़े लोगों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है, जहां नज्म का पाठ किया गया। एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच संवेदनशील चरण में है।
 
भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालना), 196 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 353 (सार्वजनिक शरारत के लिए उकसाने वाले बयान) और 3(5) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, जो सामान्य इरादे से संबंधित है।
 
कार्यक्रम में की गई कथित भड़काऊ टिप्पणियों को लेकर भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालना), 196 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 353 (शरारत के लिए लोगों को उकसाने वाले बयान) और 3(5) (साझा इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। दिवंगत अभिनेता एवं कार्यकर्ता वीरा साथीदार की पत्नी पुष्पा और 2 अज्ञात लोगों के खिलाफ ये मामले दर्ज किए गए हैं।
 
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म 'कोर्ट' से मशहूर हुए वीरा साथीदार का 13 अप्रैल 2021 को निधन हो गया था। नागपुर के विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन हॉल में वीरा साथीदार की याद में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था और इस कार्यक्रम में की गई टिप्पणियों के कारण विवाद पैदा हो गया।
 
स्थानीय निवासी दत्तात्रेय शिर्के द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुष्पा साथीदार और कार्यक्रम से जुड़े 2 अन्य लोगों के खिलाफ सीताबर्डी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ टिप्पणियां की गईं जिससे सांप्रदायिक सद्भाव तथा राष्ट्रीय एकता को खतरा पहुंच सकता है।
यह कार्यक्रम समता कला मंच के सहयोग से वीरा साथीदार स्मृति समन्वय समिति के तत्वावधान में आयोजित किया गया था और एक कविता पाठ को ऑनलाइन साझा किए जाने और बाद में स्थानीय मीडिया पर प्रसारित किए जाने के बाद ये सारा बवाल खड़ा हुआ। समता कला मंच की एक महिला सदस्य ने कथित तौर पर पाकिस्तान के मशहूर कवि फैज की कविताएं पढ़ीं जिनमें ये पंक्तियां भी थीं-
 
'हम अहल-ए-सफा, मरदूद-ए-हरम, मसनद पे बिठाए जाएंगे,
सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्त गिराए जाएंगे, हम देखेंगे...।'
 
इस नज्म को व्यापक रूप से अधिनायकवाद के खिलाफ प्रतिरोध का आह्वान माना जाता है। शिकायतकर्ता ने इसे सरकार के खिलाफ प्रत्यक्ष उकसावे के रूप में व्याख्यायित किया। शिर्के ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान एक पुरुष वक्ता द्वारा कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी की गई थी और इसका एक वीडियो बनाया गया और बाद में एक मराठी समाचार चैनल द्वारा प्रसारित किया गया। शिकायत के अनुसार वक्ता ने कथित तौर पर कहा कि जो सॉन्ग के मीडियम से ये सत्ता हिला दी थी, उसी तरह से हमारे देश में भी तख्त हिलाने की प्रथा है। आज हम जिस दौर में हैं ये दौर फासीवाद का है। ये दौर तानाशाही का है।
इस बीच पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है और वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे आयोजकों और उपस्थित लोगों सहित कार्यक्रम में मौजूद लोगों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं। पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि अब तक 5 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं और संकेत दिया कि जल्द ही पूछताछ के लिए और लोगों को बुलाया जाएगा। भाषा Edited by: Sudhir Sharma 

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