Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

नासिक कुंभ के नाम को लेकर अखाड़ों में मतभेद, जानिए कब शुरू होगा मेला

मुख्यमंत्री फडणवीस के दौरे के दौरान त्र्यंबकेश्वर अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने मांग की थी कि इस उत्सव को त्र्यंबकेश्वर-नासिक सिंहस्थ कुंभ मेला कहा जाए।

Advertiesment
हमें फॉलो करें नासिक कुंभ के नाम को लेकर अखाड़ों में मतभेद, जानिए कब शुरू होगा मेला

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नासिक , शुक्रवार, 28 मार्च 2025 (23:02 IST)
Nasik Kumbh: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के 23 मार्च को हुए दौरे के बाद महाराष्ट्र के नासिक (Nashik) में वर्ष 2027 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों में तेजी आ गई है, लेकिन इस विशाल मेले के नाम को लेकर मतभेद पैदा हो गए हैं। मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान त्र्यंबकेश्वर (Trimbakeshwar) अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने मांग की थी कि इस उत्सव को त्र्यंबकेश्वर-नासिक सिंहस्थ कुंभ मेला कहा जाए।ALSO READ: नासिक में कब लगेगा कुंभ मेला, जानिए अमृत स्नान की दिनांक
 
हालांकि नासिक नगर निगम मुख्यालय में अधिकारियों के साथ हाल ही में हुई बैठक के दौरान नासिक अखाड़ों के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि नाम नासिक कुंभ मेला ही रखा जाना चाहिए। नासिक अखाड़ों के साधुओं और महंतों ने यह भी मांग की कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा स्थापित किए जाने वाले सिंहस्थ कुंभ मेला प्राधिकरण में शामिल किया जाए तथा कुंभ के लिए 500 एकड़ से अधिक भूमि स्थायी रूप से आरक्षित की जाए।ALSO READ: महाकुंभ पर बोले पीएम मोदी, दुनिया ने भारत का विराट स्वरूप देखा
 
नाम से संबंधित मांगों के बारे में पूछे जाने पर नासिक के जिलाधिकारी जलज शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे से संबंधित जानकारी (रिकॉर्ड की जांच के बाद) सरकार को सौंपी जाएगी और उनके निर्देशानुसार निर्णय लिया जाएगा। नासिक जिले में कुंभ मेला 14 जुलाई से 25 सितंबर 2027 के बीच गोदावरी नदी के तट पर आयोजित होने की उम्मीद है। यह 12 साल बाद आयोजित किया जाएगा। इससे पहले दिन में महाराष्ट्र के जल संसाधन और आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने कुंभ की तैयारियों की समीक्षा के लिए त्र्यंबकेश्वर का दौरा किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार साधु-महंतों की विभिन्न मांगों को लेकर सकारात्मक है।
 
महाजन की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक में भाग लेने वालों में संभागीय आयुक्त प्रवीण गेदाम जिला कलेक्टर जलज शर्मा, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवीन्द्रपुरी महाराज, जूना अखाड़ा के महंत हरिगिरिजी महाराज, बड़ा उदासीन अखाड़ा के इंद्रमुनिजी महाराज, नव उदासीन अखाड़ा के गोपालदास महाराज, महानिर्वाणी अखाड़ा के अजयपुरी महाराज, आनंद अखाड़ा के गणेशानंद सरस्वती और शंकरानंद सरस्वती सहित अन्य गणमान्य लोग शामिल थे।
 
अखाड़े के प्रतिनिधियों ने कहा कि त्र्यंबकेश्वर में विशेषकर कुशावर्त क्षेत्र में संकीर्ण जगह को देखते हुए नर्मदा नदी के किनारे नए घाट बनाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि नए कुंडों का निर्माण किया जाना चाहिए तथा सुविधाओं में वृद्धि की जानी चाहिए जिसे महाजन ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने संसद में दी जानकारी, मराठवाड़ा क्षेत्र में 3090 किसानों ने की आत्महत्या