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मुंबई में GBS से मौत का पहला मामला, क्या है इस खतरनाक बीमारी के लक्षण?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 12 फ़रवरी 2025 (15:20 IST)
Death due to GBS : मुंबई के एक अस्पताल में 53 वर्षीय व्यक्ति ने गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के कारण जान गंवा दी, जो इस तंत्रिका विकार के कारण यहां मौत होने का पहला मामला है। मृतक वडाला का निवासी था और एक अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में काम करता था। उसे 23 जनवरी को यहां एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, कई दिन से उसकी हालत गंभीर थी और मंगलवार को उसकी मौत हो गई।
 
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के आयुक्त और प्रशासक भूषण गगरानी ने कहा कि यह जीबीएस के कारण महानगर में पहली मौत है। बीएमसी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उसे सांस लेने में तकलीफ होने और उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में स्थानांतरित करने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया। मरीज के जीबीएस से संक्रमित होने का पता चला था और उसका आवश्यक उपचार किया गया था।
 
अधिकारियों ने पहले कहा था कि मुंबई में जीबीएस का पहला मामला 7 फरवरी को सामने आया था, जब अंधेरी (पूर्व) की निवासी 64 वर्षीय महिला इससे पीड़ित पाई गई थी।
 
इस बीच, बीएमसी ने कहा कि पड़ोसी पालघर जिले की 16 वर्षीय एक लड़की फिलहाल नायर अस्पताल में जीबीएस का इलाज करा रही है। मुंबई के सभी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज जीबीएस रोगियों के इलाज के लिए तैयार हैं। शहर में आवश्यक दवाएं, उपकरण और विशेषज्ञता उपलब्ध है।
 
क्या है GBS : जीबीएस तंत्रिका संबंधी एक दुर्लभ विकार है, जिसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है, जिससे शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं। मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और कुछ निगलने या सांस लेने में भी दिक्कत होती है। जीबीएस तब होता है जब शरीर का इम्‍यूनिटी सिस्‍टम सहित बैक्टीरिया वायरल संक्रमण पर प्रतिक्रिया देते वक्‍त दिमाग के संकेतों को ले जाने वाली नसों पर गलती से हमला करती है। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है, लेकिन उपचार से लक्षणों को कम किया जा सकता है। उपचार में आमतौर पर प्लाज्माफेरेसिस या अंतःशिरा इम्यूनोग्लोबुलिन का उपयोग शामिल होता है।
 
मरीज को पैरों में कमजोरी की शिकायत के बाद 23 जनवरी को नायर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि अस्पताल में भर्ती होने से 16 दिन पहले, मरीज पुणे गया था, जहां बड़ी संख्या में जीबीएस के मामले सामने आए हैं। मरीज में बुखार और दस्त जैसे लक्षण नहीं दिखे थे।
 
पुणे क्षेत्र में जीबीएस के कारण अब तक सात लोगों की मौत होने की सूचना मिली है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को पुणे क्षेत्र में संदिग्ध और पुष्ट जीबीएस मामलों की संख्या 197 तक पहुंच गई।
edited by : Nrapendra Gupta 

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