Mumbai Weather Update News : मुंबई में सोमवार को भारी बारिश के कारण एक भूमिगत स्टेशन में पानी भर जाने के बाद आचार्य अत्रे चौक और वर्ली के बीच मेट्रो लाइन 3 पर ट्रेन सेवाएं स्थगित कर दी गईं। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MMRC) को भूमिगत आचार्य अत्रे चौक स्टेशन पर पानी भरने की सूचना मिलने के बाद परिचालन को स्थगित करना पड़ा। राज्य सरकार की आलोचना करते हुए शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे ने तंज कसा कि इस लाइन का नाम 'एक्वा' बिल्कुल उपयुक्त रखा गया है, क्योंकि यह आज पानी के नीचे है। ठाकरे ने कहा, मेट्रो स्टेशन का उद्घाटन दो सप्ताह पहले हुआ था।
एमएमआरसी ने एक बयान में कहा, आज अचानक हुई तेज बारिश के कारण, डॉ. एनी बेसेंट रोड पर आचार्य अत्रे चौक स्टेशन के निर्माणाधीन प्रवेश/निकास ढांचे में पानी का रिसाव हुआ। यह घटना तब हुई जब प्रवेश/निकास पर निर्मित जल-अवरोधक दीवार अचानक पानी आने के कारण ढह गई।
इसने कहा कि एहतियाती उपाय के तौर पर तथा यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वर्ली और आचार्य अत्रे चौक के बीच ट्रेन सेवाएं अस्थाई रूप से निलंबित कर दी गई हैं। हालांकि आरे जेवीएलआर से वर्ली तक की सेवाएं प्रभावित नहीं हैं और नियमित रूप से जारी हैं।
नौ मई को एमएमआरसी ने बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और आचार्य अत्रे चौक स्टेशन के बीच भूमिगत मेट्रो सेवाओं का विस्तार किया था। मेट्रो लाइन 3 मुंबई की पहली पूर्णतः भूमिगत मेट्रो लाइन है और वर्तमान में चरणबद्ध तरीके से निर्माण कार्य हो रहा है।
कई घंटों के बाद भी आचार्य अत्रे चौक से मेट्रो सेवाएं शाम सात बजे तक बहाल नहीं हो पाईं। एमएमआरसी ने इस बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की कि जलमग्न स्टेशन से सेवाएं कब बहाल होंगी। एमएमआरसी की प्रवक्ता वैदेही मोरे ने कहा, सेवाएं फिर से शुरू होने पर हम जानकारी साझा करेंगे।
राज्य सरकार की आलोचना करते हुए शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे ने तंज कसा कि इस लाइन का नाम 'एक्वा' बिल्कुल उपयुक्त रखा गया है, क्योंकि यह आज पानी के नीचे है। ठाकरे ने कहा, मेट्रो स्टेशन का उद्घाटन दो सप्ताह पहले हुआ था। जाहिर है, ऊपर से चीजें (छत से) गिर रही हैं। हम देख रहे हैं कि मलबा नीचे गिरा है। क्या उद्घाटन के समय सुरक्षा उपायों का पालन किया गया था।
कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि लोग प्रचारित उद्घाटन नहीं, बल्कि बुनियादी सुरक्षा और कार्यक्षमता चाहते हैं। उन्होंने कहा, क्या भ्रष्ट गठबंधन सरकार को इस बात की परवाह है कि पानी में डूबी भूमिगत मेट्रो कितनी खतरनाक है? ये जांच और संतुलन क्यों नहीं किए गए? पर्याप्त सावधानी क्यों नहीं बरती गई? भारी बारिश के दिनों में लोग भूमिगत मेट्रो यात्रा पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? सरकार को जवाब देना चाहिए, उसे जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।
राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि मेट्रो के जिस हिस्से में काम हो रहा था, वहां एक अस्थाई दीवार बनाई जा रही थी ताकि पानी अंदर न जाए। लेकिन भारी बारिश के कारण वह दीवार ढह गई, जिससे पानी स्टेशन के अंदर चला गया।
उन्होंने बताया कि काम 10 जून तक पूरा होने वाला था। इस आलोचना पर कि अधूरे काम के बावजूद मेट्रो स्टेशन का उद्घाटन क्यों किया गया, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, अगर उद्घाटन नहीं करते तो आप ही पूछते कि जब मेट्रो पूरी हो गई है तो इसे चालू क्यों नहीं की गई? (भाषा)
Edited By : Chetan Gour