Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की सरकार के गठन के बाद से ही अजित पवार की एनसीपी में बवाल मचा हुआ है। वरिष्ठ मंत्री धनंजय मुंडे के खिलाफ विरोध की आवाज उठने लगी है। उनसे इस्तीफे की मांग की जा रही है। इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल पार्टी कोटे से भी फडणवीस सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज हैं।
छगन भुजबल ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर आप अपनी नौकरी में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और फिर भी उसे खो देते हैं, तो आपको कैसा लगेगा, क्या आपको गुस्सा नहीं आएगा? मैं नहीं चाहता कोई अपना पद खो दे। मैं किसी और को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद मंत्री पद नहीं चाहता हूं।
भुजबल ने साफ कहा कि सीएम फडणवीस ने उन्हें मंत्री पद देने का वादा नहीं किया था। फडणवीस ने केवल इतना कहा था कि चलो सात से आठ दिन प्रतीक्षा करते हैं और इस पर चर्चा करते हैं।
धनंजय मुंडे पर क्यों उठ रहे सवाल : धनंजय मुंडे महाराष्ट्र के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री हैं। महाराष्ट्र के बीड में सरपंच हत्या मामले में उनके करीबी वाल्मिकी कराड को गिरफ्तार किया गया है। विपक्ष इस मामले में धनंजय मुंडे को कैबिनेट से हटाने की मांग कर रहा है। भाजपा विधायक सुरेश ढस ने सुझाव दिया है कि एनसीपी नेता धनंजय मुंडे को सरपंच संतोष देशमुख के हत्या मामले में चार्जशीट दायर होने तक महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में बिना पोर्टफोलियो के मंत्री के पद पर बने रहना चाहिए।
गौरतलब है कि फडणवीस ने पिछले माह नागपुर में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और अपनी टीम में 39 नए सदस्यों को शामिल किया। इसमें भाजपा के कोटे से 19, शिंदे शिवसेना के कोटे से 11 और अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP के कोटे से 9 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। शिंदे कैबिनेट में शामिल रहे भुजबल समेत 10 दिग्गजों को फडणवीस सरकार में जगह नहीं मिली है।
edited by : nrapendra gupta