मुंबई। मुंबई में सोमवार को जब 20 वर्षीय आफरीन शाह अपनी नई नौकरी शुरू करने के लिए घर से निकलीं तो उनके पिता को जरा भी अंदाजा नहीं था कि अब वह कभी घर वापस नहीं लौटेंगी। आफरीन उन 7 लोगों में से एक थीं जिनकी मौत सोमवार रात कुर्ला (पश्चिम) में 'बेस्ट' (बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन उपक्रम) की एक बस द्वारा पैदल यात्रियों और वाहनों को टक्कर मारने के कारण हुई थी।
ALSO READ: Devendra Fadnavis तीसरी बार बने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, इन चुनौतियों का कैसे करेंगे सामना
बेटी आफरीन से आखिरी बार बात की थी : अब्दुल सलीम शाह ने अपनी बेटी आफरीन से आखिरी बार तब बात की थी, जब वह एक निजी कंपनी में नौकरी के पहले दिन के बाद घर लौटने के लिए ऑटोरिक्शा का इंतजार कर रही थी। शाह ने आफरीन को ऑटोरिक्शा लेने के लिए राजमार्ग की ओर चलने की सलाह दी। यह आखिरी बार था, जब उन्होंने अपनी बेटी से बात की थी।
ALSO READ: राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ में भीषण सड़क दुर्घटना में 12 लोगों की मौत, अनेक घायल
शाह ने कहा कि नई कंपनी में काम पर आफरीन का यह पहला दिन था। काम के बाद वह कुर्ला रेलवे स्टेशन पहुंची, जहां से उसने मुझे रात 9.09 बजे फोन करके बताया कि उसे शिवाजी नगर के लिए ऑटोरिक्शा नहीं मिल रहा है। पिता ने कहा कि मैंने उसे राजमार्ग की ओर चलने और ऑटोरिक्शा लेने के लिए कहा। लेकिन रात 9.54 बजे मुझे अपनी बेटी के फोन से एक कॉल आया और यह भाभा अस्पताल के एक कर्मचारी का था। दु:खी पिता ने कहा कि यह काम पर उसका पहला दिन था और अब मैं अपनी बेटी को कभी वापस नहीं पा सकूंगा।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta