बापू थे 70 साल के ‘जवान’, वैज्ञानिकों को मिला सेहत का फॉर्मूला
दुबली-पतली काया, हाथ में सिर्फ लाठी, बदन पर एक कपड़ा और चाल ऐसी कि 20 साल का युवा भी शर्मा जाए...आवाज में दम और हौसले बुलंद यही थी पहचान हमारे अपने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जिन्हें हम प्यार से बापू कहते हैं।
महात्मा गांधी के 70 साल की उम्र में भी युवाओं जैसी सेहत का फॉर्मूला वैज्ञानिकों ने तलाश लिया है।
कई वर्षों से चल रही रिसर्च के बाद सामने आई रिपोर्ट को बापू के 150वें जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश के सामने रखेंगे। दरअसल, वैज्ञानिकों ने बापू के चिकित्सकीय जीवन का इतिहास खोज निकाला है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वैज्ञानिक के मुताबिक, महात्मा गांधी अपने जीवन में तीन बार मलेरिया के चलते बुखार ग्रस्त हुए थे। इसके अलावा रिसर्च में बापू की फैट लैस बॉडी, उनके ब्लड प्रेशर, देश में फैले घटनाक्रम के चलते होने वाले तनाव इत्यादि के प्रभाव और बचाव के तरीकों को लेकर भी कई नई बातें रिसर्च में खोजी गई हैं।
पिछले दिनों वैज्ञानिकों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ईसीजी रिपोर्ट का पता लगाने के बाद उनकी दिल की धड़कन का डिजिटल संस्करण पेश किया था। अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम और दिल्ली के गांधी संग्रहालय में बापू की धड़कन को इस डिजिटल रूप में सुना जा सकता है।
रिसर्च में कहा गया है कि महात्मा गांधी को रोग की रोकथाम पर ज्यादा भरोसा था। उन्होंने चिकित्सकों से लेकर देश भर के लोगों तक में निरोग काया को लेकर जागरूकता फैलाने के काफी प्रयास भी किए। साथ ही खानपान, रहन-सहन और जीवन में अनुशासन का सीधा संबंध स्वास्थ्य से होने के प्रति भी जागरूक करने की कोशिश की।
रिसर्च में प्रमुख थे यह सवाल
- वृद्धावस्था में भी बापू की चुस्ती का राज क्या था?
- देश को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले बापू की दिनचर्या कैसी थी?
- बापू किस तरह का आहार ग्रहण करते थे?
- बापू को कौन-कौन सी बीमारियां थीं?
- जिंदगी में कितनी बार वे अस्पताल में भर्ती हुए?
- 70 साल की उम्र तक बापू को कौन-कौन से ऑपरेशन कराने पड़े?
इन सभी के जवाब विस्तार से शीघ्र ही देश के सामने आने वाले हैं।
यह खास कारण हो सकते हैं उनकी अच्छी सेहत के
निरंतर कर्मशील
मन पर नियंत्रण
खानपान पर नियंत्रण/उपवास
सकारात्मक सोच
हंसमुख स्वभाव
निडरता