How to do Ganga Snan At Home: मकर संक्रांति पर गंगा नदी में स्नान करने का खासा महत्व रहता है। कहते हैं कि सूर्य की मूलत: 36 किरणों में से 7वीं किरण भारतवर्ष में आध्यात्मिक उन्नति की प्रेरणा देने वाली है। इस किरण का असर गंगा और यमुना नदी के मध्य अधिक समय तक रहता है। इस भौगोलिक स्थिति के कारण ही हरिद्वार और प्रयाग में माघ मेला अर्थात मकर संक्रांति या पूर्ण कुंभ तथा अर्द्धकुंभ के विशेष उत्सव का आयोजन होता है।
गंगा स्नान का महत्व : इस दिन गंगा में स्नान करने और तर्पण करने का खास महत्व रहता है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी त्यागकर उनके घर गए थे इसलिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य हजार गुना हो जाता है। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान के पुण्य का वर्णन इसलिए अधिक है क्योंकि मकर संक्रांति के दिन ही गंगा सगर के पुत्रों का उद्धार करते हुए सागर में मिल गई थीं। यदि आप गंगा या यमुना में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे में घर पर ऐसे करें सरल विधान।
1. तिल जल से स्नान करना : इस दिन जल में काले तिल डालकर उन्हें कुछ समय के लिए जल में ही रखें और उसके बाद उस जल से स्नान कर लें। स्नान के उपरांत नित्य कर्म तथा अपने आराध्य देव की आराधना करें।
2. तीर्थ जल स्नान : आपके घर में गंगाजल होगा या किसी तीर्थ का जल होगा तो उसे अपने स्नान करने के जल में थोड़ा सा मिलाकर स्नान कर लें। यदि तीर्थ का जल उपलब्ध न हो तो दूध, दही से स्नान करें। जल में तिल जरूर मिलाएं।
3. गंगा स्मरण स्नान : मकर संक्रांति के दिन सुबह पुण्य काल में घर पर स्नान के लिए किसी साफ बाल्टी या टब में जल भर लें। इस जल में गंगा मैय्या का ध्यान करते हुए आह्वान करके स्नान करें।
4. स्नान करने का मंत्र : स्नान करते हुए यह मंत्र भी बोलें, गंगे, च यमुने, चैव गोदावरी, सरस्वति, नर्मदे, सिंधु, कावेरि, जलेSस्मिन् सन्निधिं कुरु।।