मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य देव को समर्पित होता है। मकर सर्दियों के मौसम का अंत माना जाता है। इस दिन के बाद लंबे दिनों की शुरुआत हो जाती है। लोग सूर्य देव को खुश करने के लिए अर्घ्य देकर उनसे प्रार्थना करते हैं। मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य करने से उसका सौ गुना फल लौट कर आता है।
इस दिन भगवान सूर्यदेव धनु राशि छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। विभिन्न मतानुसार मकर संक्रांति का पर्व इस साल मंगलवार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन तिल का दान या तिल से बनी सामग्री ग्रहण करने से कष्टकारी ग्रहों से छुटकारा मिलता है। संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य मिलता है। इस दिन दान करने का विशेष महत्व होता है।
आइए जानते हैं कि राशि अनुसार क्या दान करें कि पुण्य फल 100 गुना होकर लौट आए।
मेष - जल में पीले पुष्प, हल्दी, तिल मिलाकर अर्घ्य दें। तिल-गुड़ का दान करें।
वृष - जल में सफेद चंदन, दूध, श्वेत पुष्प, तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
मिथुन - जल में तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
कन्या - जल में दूध, चावल, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें।
मिथुन- जल में तिल, दूर्वा तथा पुष्प मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें और गाय को हरा चारा दें।
कर्क- जल में दूध, चावल, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। संकटों से मुक्ति मिलेगी।
सिंह- जल में कुमकुम तथा रक्त पुष्प, तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
कन्या- जल में तिल, दूर्वा, पुष्प डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। मूंग की दाल की खिचड़ी बनाकर दान करें। गाय को चारा दें।
तुला- सफेद चंदन, दूध, चावल का दान दें।
वृश्चिक- जल में कुमकुम, रक्तपुष्प तथा तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। गुड़ का दान दें।
धनु- जल में हल्दी, केसर, पीले पुष्प मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें।
मकर- जल में काले-नीले पुष्प, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें।
कुंभ- जल में नीले-काले पुष्प, काली उड़द, तेल-तिल का दान करें।
मीन- हल्दी, केसर, पीले फूल के साथ तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें।