सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रांति 2017 मनाया जा रहा है। सुबह से ही प्रदेशभर की नदियों में संक्रांति स्नान का पुण्य लाभ लिया जा रहा है। सुबह 7:37 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश हो गया। इसी के साथ मलमास का समापन हो गया और मंगल कार्यों की शुरुआत होगी। जबलपुर के ग्वारीघाट, होशंगाबाद के सेठानी घाट, नेमावर, ओंकारेश्वर और उज्जैन में शिप्रा नदी पर रामघाट सहित विभिन्न घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
ज्योतिर्विदों के मुताबिक इस बार मकर संक्रांति सर्वार्थसिद्धि योग में हाथी पर समृद्धि लेकर आई है। 28 साल बाद सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, कर्क का चंद्रमा, अश्लेषा नक्षत्र, प्रीति और मानस योग का संयोग बन रहा है। सूर्य के उत्तरायण होने के बाद मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। सूर्य अपने पुत्र शनि के घर में प्रवेश करेंगे। पर्व का पुण्यकाल पूरे दिन रहेगा। इस दिन दान, स्नान का विशेष महत्व है।
कैसा है इस बार संक्रांति का स्वरूप
वाहन : हाथी
वस्त्र : लाल
शस्त्र : धनुष
पात्र : लोहे का
पेय पदार्थ : दूध