विक्रम संवत् 2082, ईस्वी वर्ष 2026 में सूर्य 14 जनवरी की दोपहर 02 बजकर 50 मि. दिन बुधवार को मकर राशि में प्रवेश करेंगे। अत: वर्ष 2026 में 'मकर संक्रांति' का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इसका विशेष पुण्यकाल दिन में 02 बजकर 50 मिनट से प्रारंभ होगा।
वाहन/वस्त्रादि- इस वर्ष संक्रांति का वाहन व्याघ्र (सिंह) होगा तथा उपवाहन अश्व होगा। इस वर्ष संक्रांति पीतवस्त्र (पीले) व पर्ण कंचुकी, जाति पुष्प व कंकण आभूषण धारण किए हुए गदा आयुध लिए हाथ में रजतपात्र लिए पायस भक्षण करते हुए पश्चिम दिशा की ओर जाति हुई वायव्य दिशा की ओर देखती आएगी।
इस वर्ष संक्रांति कुमकुम लेपन किए हुए व भूत जाति की होगी। इसके फलस्वरूप मंहगाई में वृद्धि होगी। तेल की कीमतों में कमी होगी। विश्व तनाव फैलेगा। राजनीतिक असहिष्णुता बढ़ेगी।
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षट्तिला एकादशी एवं सर्वार्थ अमृतसिद्ध योग का बनेगा दुर्लभ संयोग-
नववर्ष 2026 में मकर संक्रांति का अति दुर्लभ संयोग बन रहा है जो कई वर्षों बाद आया है। इस वर्ष मकर संक्रांति के दिन सर्वार्थ अमृतसिद्ध योग एवं षट्तिला एकादशी पर्व एक साथ मकर संक्रांति के दिन होंगे।
स्नान व दान- संक्रांति के दिन तिल मिश्रित जल से पवित्र नदियों में स्नान करना एवं तिल से बनी वस्तुओं, खिचड़ी एवं कंबलल का दान करना श्रेयस्कर रहेगा।
12 राशियों का संक्रांति फल-
शुभ- वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन
अशुभ- मेष, मिथुन, सिंह, धनु
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र